झारखंड में अब सताने लगी सर्दी।
जागरण संवाददाता, धनबाद। कोयलांचल सहित पूरे उत्तर पूर्वी झारखंड में ठंड का असर तेजी से बढ़ गया है। पिछले दस दिनों में तापमान 18 डिग्री से लुढ़ककर 13 डिग्री सेल्सियस से नीचे पहुंच गया है। शाम ढलते ही ठिठुरन बढ़ने लगी है और कोहरा भी दिखने लगा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मौसम विभाग के अनुसार धनबाद, बोकारो, गिरिडीह और जामताड़ा में अगले दो से तीन दिनों तक न्यूनतम तापमान में और गिरावट हो सकती है। कई इलाकों में तापमान 12 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की संभावना जताई गई है।
ठंड बढ़ने के साथ ही वायरल संक्रमण का प्रकोप भी तेज हो रहा है। धनबाद के एसएनएमएमसीएच में मेडिसिन ओपीडी में रोज 50–60 मरीज सर्दी, खांसी, बुखार और बदन दर्द की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं। वहीं शिशु रोग विभाग में 20–30 बच्चे ठंड के असर से बीमार हो रहे हैं।
बोकारो और गिरिडीह जिलों के सरकारी अस्पतालों में भी इसी तरह मरीजों की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है। डॉक्टरों का कहना है कि मौसम में अचानक बदलाव और तापमान में तीव्र गिरावट से लोग तेजी से संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं।
एसएनएमएमसीएच के मेडिसिन विभाग के पूर्व एचओडी डा. यू.के. ओझा बताते हैं कि ठंड में ब्रेन की नसें सिकुड़ती हैं, जिससे हाई बीपी के मरीजों को स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे मरीजों को सुबह-सुबह टहलने से बचना चाहिए और धूप निकलने के बाद ही बाहर निकलना चाहिए। सुगर के मरीजों के लिए भी यही सलाह दी गई है।
इसके अलावा टीबी और दमा के मरीजों के लिए यह मौसम और अधिक चुनौतीपूर्ण हो जाता है। डा. ओझा के अनुसार ऐसे मरीजों को धूल-ठंड से बचना, खांसते-छींकते समय मुंह-नाक ढंकना और इन्हेलर का प्रयोग चिकित्सकीय परामर्श से ही करना चाहिए।
बच्चों और बुजुर्गों पर खास ध्यान देने की जरूरत है क्योंकि दोनों की प्रतिरोधक क्षमता अपेक्षाकृत कम होती है। शाम होते ही बुजुर्गों को ऊनी टोपी, मफलर और गर्म कपड़े पहनाना जरूरी है।
ठंड से बचाव के उपाय
– हल्का गुनगुना पानी पिएं
– गरम भोजन का सेवन करें
– सुबह-शाम ठंड से विशेष रूप से बचें
– पैर और कान को ढंककर रखें
– आयरन व विटामिन बी-12 युक्त आहार लें
– आइसक्रीम व शीतल पेय से परहेज करें
मौसम विभाग ने झारखंड के कई जिलों में शीतलहर जैसी स्थिति बनने की संभावना जताई है। विशेषज्ञों ने लोगों को सावधानी बरतने और आवश्यक सुरक्षा उपाय अपनाने की सलाह दी है ताकि बढ़ती ठंड से होने वाली बीमारियों से बचा जा सके। |