प्रतीकात्मक तस्वीर।
मोहम्मद हारुन, नूंह। दिल्ली धमाके के बाद सुर्खियों में आए अमोनियम नाइट्रेट का मुख्य केंद्र नूंह है। कारण, नूंह की सीमा राजस्थान से लगती है, जहां पहाड़ में अवैध खनन के लिए अमोनियम नाइट्रेट का प्रयोग किया जाता है। इसलिए नूंह में इसकी ठीक-ठाक उपलब्धता और खपत है। वैसे अमोनियम नाइट्रेट को खुले में किसी को भी बेचना नियमों के विपरीत है लेकिन थोड़े लालच में स्थानीय दुकानदार बड़ा खतरा पैदा कर रहे हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
कई जिलों में पहुंच रहा अमोनियम नाइट्रेट
अमोनियम नाइट्रेट नूंह से निकलकर दक्षिण हरियाणा के विभिन्न जिलों तक पहुंच रहा है। दिल्ली में जो विस्फोट हुआ, उसमें अमोनियम नाइट्रेट का प्रयोग किया गया था। इसके बाद सरकार ने भले ही इसे लेकर सख्त आदेश दिए हैं लेकिन धरातल पर कुछ असर दिखाई नहीं दिया। कोई रजिस्टर मेनटेन नहीं हो रहा और किसी जानकार के लिए अमोनियम की कमी नहीं है, पर हां अंजान के लिए मना किया जा रहा है।
दैनिक जागरण की टीम ने की पड़ताल
दैनिक जागरण टीम ने दक्षिण हरियाणा के नूंह, फरीदाबाद, रेवाड़ी, पलवल सहित सोनीपत जिले में अमोनियम नाइट्रेट की बिक्री को लेकर पड़ताल की। क्योंकि अब धमाका हो गया है तो दुकानदार खुलकर बोलने को तैयार नहीं है और न ही अंजान पर विश्वास कर रहे हैं। पता चला कि चोरी-छिपे जानकार को खूब अमोनियम नाइट्रेट दिया जा रहा है। दरअसल इस तरह के खाद की बिक्री के मामले में ब्लैक से खाद बेचने के चक्कर में सभी दुकानदार नियमों को भूल जाते हैं क्याेंकि उन्हें मुनाफा अधिक होता है।
नूंह की दुकानों पर मिला स्टाॅक
नूंह में पड़ताल के दौरान दो दुकानों पर अमोनियम का 89 किलो का स्टाॅक बताया गया। चोरी छुपे दूसरे खाद विक्रेता भी अमोनियम नाइट्रेट मांग के अनुसार उपलब्ध करा देते हैं। जिले में 350 खाद विक्रेताओं के लाइसेंस है, जिनमें 27 होल सेल डीलर है। मगर ज्यादा पैसे के चक्कर में किसी को बगैर आईडी खाद मिलना बहुत आसान है।
इसके लिए आपको कुछ राशि ज्यादा खर्च करनी पड़ेगी। पिनगवां में खाद विक्रेता दिनेश कुमार उर्फ डिब्बू ने आतंकी डाक्टरों को 60 किलो अमाेनियम नाइट्रेट बगैर किसी आइडी के ही दिया था। जिसका प्रयोग आतंकियों ने विस्फोट के लिए किया था।
जागरण संवाददाता नूंह की अनाज मंडी में ग्राहक बनकर गए। अमोनियम नाइट्रेट के लिए तो मना कर दिया पर एनपीके खाद उपलब्ध बताया। माहौल गर्म होने का हवाला देते हुए 1300 की बजाए उसकी कीमत 1700 रुपये बताई और वह भी बिना आइडी के खाद देने को तैयार हो गया।
फरीदाबाद में दुकानदार कर रहे मना
फरीदाबाद में इसकी खुलेआम बिक्री तो नहीं हो रही है लेकिन चोरी-छिपे यह खूब बेचा जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि खाद-बीज विक्रेताओं के पुराने ग्राहकों के लिए अमोनिया नाइट्रेट की कोई कमी नहीं है लेकिन अंजान लोगों को मना कर रहे हैं। पुलिस की नजर होने की वजह से दुकानदार ऐसा कर रहे हैं। जिले में खाद-बीज की 25 दुकानें हैं। जिले में सब्जियों की फसल 10 हजार एकड़ में की जाती है। इसलिए यहां इस का खाद बिकता है। बल्लभगढ़ के दुकानदार नितिन मंगला, त्रिलोकचंद ने बताया कि दुकानदार बिना आधार कार्ड के किसी को नहीं दिया जाता।
रेवाड़ी में निगरानी शुरू
रेवाड़ी में भी खाद-बीज ब्रिक्री केंद्रों पर भी निगरानी शुरू हो गई है। दैनिक जागरण की टीम ने शहर में छह अलग-अलग खाद-बीज केंद्रों पर पड़ताल की। हालांकि किसी भी केंद्र पर अमोनियम नाइट्रेट नहीं मिला। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, रेवाड़ी और महेंद्रगढ़ में किसानों को अमोनियम नाइट्रेट की आवश्यकता नहीं पड़ती।
इसलिए ही यहां अमोनियम नाइट्रेट बिक्री नहीं होती। पलवल में अमोनियम नाइट्रेट की बिक्री को लेकर दैनिक जागरण की टीम ने ग्राहक बनकर विभिन्न खाद बीज विक्रेता की दुकानों में पड़ताल की। टीम ने सबसे पहले पलवल में न्यू सोहना रोड, कमेटी चौक, माल गोदाम रोड तथा अनाज मंडी स्थित दुकानों का दौरा किया। वहां दुकानदारों ने अमोनियम नाइट्रेट उपलब्ध होने से मना कर दिया।
“सभी खाद विक्रेताओं से खाद की बिक्री पीओएस मशीन से करने के लिए कहा गया है। अगर कोई नियमों की पालना नहीं करेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। अगर कोई भी खाद विक्रेता ज्यादा कीमत पर खाद बचेगा तो उसके विरुद्ध भी कार्रवाई होगी।“
-विरेंद्र सिंह आर्य, उप कृषि निदेशक नूंह
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