मुख्यमंत्री ने उभरती तकनीकों में रिसर्च और इनोवेशन को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में स्टार्टअप संस्कृति का दायरा तेजी से बढ़ रहा है। इसे और सशक्त बनाने के लिए प्रशिक्षण, परीक्षण और मार्केट लिंकेज की सभी जरूरतों को पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि युवाओं को तकनीक आधारित नई अर्थव्यवस्था से जोड़ना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। आईटी और आईटीईएस सेक्टर में अधिक युवाओं को जोड़ने के लिए प्रायोगिक प्रशिक्षण मॉडल विकसित किए जाएं और इसके लिए इयान रियलिटी जैसी संस्थाओं के साथ सहयोग बढ़ाया जाए। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
शनिवार को सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि आईटी और आईटीईएस सेक्टर से जुड़े निवेशकों को सरल, पारदर्शी और समयबद्ध अनुमति व्यवस्था उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि पात्र निवेशकों को प्रोत्साहन राशि के लिए प्रतीक्षा नहीं करनी पड़े और इस संबंध में विभागीय स्तर पर जवाबदेही तय की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्टार्टअप, सेमीकंडक्टर, डाटा सेंटर और इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण में उत्तर प्रदेश की स्थिति लगातार मजबूत हुई है। अब लक्ष्य इसे वैश्विक प्रतिस्पर्धा में शीर्ष श्रेणी में स्थापित करना है। उन्होंने कहा कि सेमीकंडक्टर क्षेत्र में एक परियोजना स्वीकृत हो चुकी है जबकि दो अन्य प्रस्तावों के लिए भारत सरकार से सतत संवाद बनाए रखा जाए। उन्होंने नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यीडा में नए लैंड बैंक विकसित करने का निर्देश भी दिया।
बैठक में बताया गया कि वर्ष 2017-18 में इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों का निर्यात 3,862 करोड़ था, जो वर्ष 2024-25 में बढ़कर 44,744 करोड़ तक पहुंच गया। इसी अवधि में आईटी निर्यात 55,711 करोड़ से बढ़कर 82,055 करोड़ हो चुका है। इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण नीति 2020 के तहत 67 निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिनमें 15,477 करोड़ के निवेश और 1,48,710 रोजगार की संभावनाएं हैं। अब तक 430 करोड़ की प्रोत्साहन धनराशि स्वीकृत की जा चुकी है और मार्च 2026 तक 25 अन्य प्रस्तावों के आगे बढ़ने की संभावना है।
डाटा सेंटर नीति के अंतर्गत हीरानंदानी समूह, एनटीटी ग्लोबल, वेब वर्क्स, अदाणी एंटरप्राइजेज और एसटी टेलीमीडिया सहित कई कंपनियों ने 21,342 करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव दिए हैं, जिनसे लगभग 10 हजार नए रोजगार सृजित हो रहे हैं। स्टार्टअप नीति के तहत भी निरंतर प्रगति दर्ज की गई है। वर्ष 2021-22 में जहां 274 लाख की धनराशि स्टार्टअप प्रोत्साहन के लिए जारी की गई थी, वहीं जनवरी 2025 तक यह मूल्य बढ़कर 2,600 लाख तक पहुंच गया है। मुख्यमंत्री ने स्टार्टअप फंड के प्रभावी उपयोग और निगरानी व्यवस्था को और सुदृढ़ करने के निर्देश दिए। |