सऊदी अरब को F-35 देगा अमेरिका (फाइल फोटो रॉयटर्स)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सऊदी अरब और अमेरिका दोनों एक नए रक्षा अध्याय की ओर बढ़ रहे हैं। डोनल्ड ट्रंप, सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के काफी करीबी माने जाते हैं। साल के शुरुआत में सऊदी अरब ने ट्रंप से सीधे एफ-35 खरीदने में दिलचस्पी दिखाई थी। वहीं, शुक्रवार को ट्रंप ने इस बात का संकेत दे दिया कि वह सऊदी अरब को लॉकहीड मार्टिन द्वारा निर्मित F-35 स्टील्थ लड़ाकू विमानों की आपूर्ति के लिए एक समझौते पर सहमत होने पर विचार कर रहे हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने एयर फोर्स वन में पत्रकारों से कहा कि सऊदी अरब ढेर सारे विमान खरीदना चाहत है। मैं इस पर विचार कर रहा हूं। उन्होंने मुझे इस पर विचार करने के लिए कहा है। वे \“35\“ विमान खरीदना चाहते हैं - लेकिन सऊदी अरब वास्तव में उससे भी ज्यादा लड़ाकू विमान खरीदना चाहता है।
आर्थिक और रक्षा समझौतों पर हस्ताक्षर की उम्मीद
बता दें कि प प्रशासन सऊदी अरब के 48 एफ-35 खरीदने के अनुरोध पर विचार कर रहा है। अमेरिका द्वारा यह संभावित बिक्री ऐसे समय में हो रही है, जब ट्रंप अगले हफ्ते व्हाइट हाउस में सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की मेजबानी करने की योजना बना रहे हैं, जहां उनके बीच आर्थिक और रक्षा समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है।
ब्राहम समझौते में शामिल होगा सऊदी अरब...
बातचीत के बारे में पूछे जाने पर ट्रंप ने पत्रकारों से कहा कि “यह मुलाकात से कहीं बढ़कर, हम सऊदी अरब का सम्मान कर रहे हैं“। उन्होंने दोहराया कि उन्हें उम्मीद है कि सऊदी अरब जल्द ही अब्राहम समझौते में शामिल होगा, जिसने इजराइल और मुस्लिम-बहुल देशों के बीच संबंधों को सामान्य बनाया है।
रियाद ने फिलिस्तीनी राज्य के रोडमैप पर सहमति के अभाव में इस तरह के कदम का विरोध किया है। पेंटागन की एक खुफिया रिपोर्ट ने संभावित F-35 सौदे पर चिंता जताई है और चेतावनी दी है कि अगर बिक्री आगे बढ़ती है तो चीन इस विमान की तकनीक हासिल कर सकता है, न्यूयॉर्क टाइम्स ने गुरुवार को इस आकलन से परिचित लोगों के हवाले से बताया। (समाचार एजेंसी रॉयटर्स के इनपुट के साथ)
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