सुनील राज, पटना। Bihar Election Result 2025 बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मतदान संपन्न हो चुके हैं। अब सबकी निगाहें 14 नवंबर को आने वाले नतीजों पर टिकी हैं। कल तक जो सियासी शोर पूरे राज्य में गूंज रहा था, जहां नेता-कार्यकर्ता सुबह से रात तक नारे, भाषण और रणनीति में डूबे रहते थे, वहां अब एक अजीब-सी शांति छा गई है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
बुधवार को पटना स्थित कांग्रेस, राजद, जदयू और भाजपा के प्रदेश कार्यालयों का नजारा बिल्कुल बदला हुआ मिला। मानो लंबे संघर्ष के बाद सियासी रणबांकुरों को कुछ पल की नींद नसीब हुई हो।
बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान के एक दिन बाद बुधवार की सुबह से लेकर दोपहर तक पार्टी दफ्तरों में न तो भीड़ दिखी, न ही रणनीतिक बैठकें हो रही है।
चाय की दुकानों पर राजनीतिक बहस की जगह अब मतदान प्रतिशत और एक्जिट पोल की चर्चाएं सिमट गई हैं। कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय सदाकत आश्रम में जहां कुछ कार्यकर्ता अखबार के पन्नों पर झुके हुए नतीजों का अनुमान लगा रहे थे, वहीं राजद कार्यालय में अपेक्षाकृत शांति दिखी।
यहां कुछ निर्माण कार्य भी होते दिखे। जदयू दफ्तर में नेताओं का आना-जाना सीमित रहा। लोग कार्यालय के सामने के हिस्से में कुर्सी लगाकर धूप सेकते दिखे।
भाजपा प्रदेश मुख्यालय में भी उत्साह और जोश अब कुछ थमा हुआ दिखा। नेताओं की निगाहें अब टीवी चैनलों और इंटरनेट मीडिया पर चल रही चर्चाओं पर टिकी हैं।
कई नेता अपने-अपने क्षेत्रों से मिलने वाले फीडबैक रिपोर्टों का इंतजार कर रहे हैं। पार्टी दफ्तरों में संक्षिप्त बातचीत में एक बात साफ हुई कि लंबी-लगातार भाग-दौड़ के बाद पार्टी नेता-कार्यकर्ता फिलहाल अपने क्षेत्र में परिवार के बीच समय बिता रहे हैं।
राजनीतिक गलियारों में इस सन्नाटे को महज चुनावी थकान बताया जा रहा है। पर असल में यह 14 नवंबर के नतीजों से पहले की वह सांस है जो हर पार्टी अगले झटके या जश्न से पहले भर रही है। क्योंकि जिस दिन ईवीएम खुलेंगे, उसी दिन तय होगा कि कहां बहार लौटेगी और कहां सन्नाटा लंबा चलेगा। |