यूपी-रेरा की महागुन, महालक्ष्मी व गौड़संस समेत पांच बिल्डरों पर कार्रवाई।
जागरण संवाददाता, लखनऊ। उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथारिटी (यूपी-रेरा) की बेंच ने सोमवार को गृह खरीदारों की शिकायतों पर एनसीआर के पांच से अधिक बिल्डरों पर जुर्माना लगाने के साथ कठोर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
लंबे समय से घर खरीदने वाले लोग पारदर्शिता की कमी, दस्तावेजों की गड़बड़ी और वादाखिलाफी से परेशान रहे हैं। गौड़संस हाई-टेक इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड पर चार मामलों में एक लाख रुपये, महालक्ष्मी इंफ्राहोम्स प्राइवेट लिमिटेड पर 10 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया है, तीन अन्य बिल्डरों पर अलाटमेंट लेटर रजिस्टर्ड न करने सहित अन्य मामलों में दोषी पाया गया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
एनसीआर के महागुन ग्रुप के खिलाफ यूपी-रेरा के पोर्टल पर 16 शिकायतें दर्ज हुईं थी जांच में पाया गया कि कंपनी ने रेरा पोर्टल पर इलेक्ट्रिकल ड्राइंग को इलेक्ट्रिकल एनओसी बताकर गलत जानकारी अपलोड की। ग्रुप को पहले भी चेतावनी दी गई थी, लेकिन सुधार नहीं किया गया।kanpur-city-common-man-issues,CommonManIssues, Uttar Pradesh lightning strikes, Mahoba mother daughter death, Chitrakoot lightning fatality, Etawah elderly woman injured, Hamirpur youth injured, Jalaun toll plaza disruption, Kadoura goat deaths, Lightning strike incidents,आकाशीय बिजली,उत्तर प्रदेश आपदा, इटावा समाचार, हमीरपुर समाचार,Uttar Pradesh news
अब धारा 63 के तहत कठोर कार्रवाई के लिए सचिव यूपी-रेरा को निर्देशित किया गया है। ऐसी ही नौ शिकायतों में महालक्ष्मी ग्रुप दोषी पाया गया। कंपनी ने घर खरीदारों को दिए गए अलाटमेंट लेटर को निर्धारित प्रारूप में रजिस्टर्ड नहीं किया।
इसे धारा 13 का उल्लंघन मानते हुए बेंच ने मामले को धारा 61 के तहत कार्रवाई के लिए भेजा है। यूपी-रेरा की बेंच ने गृह खरीदारों की शिकायतों पर कार्रवाई करके स्पष्ट किया है कि रियल एस्टेट क्षेत्र में नियमों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इन धाराओं के तहत हुई कार्रवाई
- धारा 13: बिल्डर 10 प्रतिशत से अधिक एडवांस राशि बिना पंजीकृत एग्रीमेंट के नहीं ले सकता।
- धारा 61: अन्य प्रविधानों के उल्लंघन पर प्रोजेक्ट लागत का पांच प्रतिशत तक जुर्माना।
- धारा 63: आदेश की अवहेलना करने पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई।
इन कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई
- एसजेपी होटल्स एंड रिजार्ट्स प्राइवेट लिमिटेड – अलाटमेंट लेटर निर्धारित प्रारूप में दर्ज न करने पर मामला धारा 61 के तहत भेजा गया।
- पंचशील बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड – अलाटमेंट लेटर रजिस्टर्ड न करने पर उल्लंघन माना गया व कार्रवाई के लिए आगे भेजा गया है।-गौड़संस रियलटेक प्राइवेट लिमिटेड – स्टेटस-को आदेश का उल्लंघन किया, मामला दंडात्मक कार्रवाई के लिए भेजा गया।
- महालक्ष्मी इंफ्राहोम्स प्राइवेट लिमिटेड – गलत आपत्तियां पेश करने पर 10,000 का जुर्माना लगाया गया है।
गौड़संस हाई-टेक इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड
चार मामलों में भ्रामक तथ्यों के आधार पर आपत्तियां पेश करने पर 25,000 प्रति केस (कुल एक लाख रुपये) का जुर्माना लगाया गया है।
 |