उर्वरक बिक्री को लेकर डीएम सख्त, नियम तोड़े तो रद्द होगा लाइसेंस।- सांकेतिक तस्वीर
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। रबी सीजन 2025-26 में किसानों को गुणवत्तायुक्त और उचित दर पर उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए जिलाधिकारी अनुज सिंह ने सहकारी एवं निजी खुदरा उर्वरक विक्रेताओं को सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। आदेश का उल्लंघन करने पर उर्वरक लाइसेंस निरस्त होंगे। साथ ही आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत कार्रवाई भी होगी। किसानों को अब पीओएस मशीन से ही खाद मिलेगा। फर्जी बिक्री और टैगिंग करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी तय है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि जनपद में सभी प्रकार के उर्वरक केवल पीओएस मशीन के माध्यम से निर्धारित मूल्य पर ही किसानों को बेचे जाएंगे। विक्रेताओं को स्टाक पंजिका, विक्रय पंजिका और रसीद रखना अनिवार्य होगा। साथ ही उर्वरक बिक्री दर और स्टाक की जानकारी प्रतिदिन स्टाक बोर्ड और रेट बोर्ड पर अंकित करनी होगी।
किसान को उर्वरक देने से पहले उसकी पहचान सुनिश्चित करनी होगी। इसके लिए आधार कार्ड, राशन कार्ड, बैंक पासबुक, जोतबही या अन्य पहचान पत्र देखना आवश्यक होगा। विक्रेता अपने विक्रय केंद्र पर रजिस्टर रखें, जिसमें किसान का नाम, पिता का नाम, ग्राम, मोबाइल नम्बर, खरीदा गया उर्वरक और भुगतान राशि अंकित हो। इससे निरीक्षण के दौरान किसान वार सत्यापन किया जा सकेगा। उर्वरक किसानों को उनकी जोत और फसलवार संस्तुत मात्रा के अनुसार ही दिए जाएंगे, ताकि महंगे उर्वरकों का असंतुलित प्रयोग और दुरुपयोग रोका जा सके। जिलाधिकारी ने कहा है कि नियमों का पालन न करने वालों का प्राधिकार पत्र निरस्त कर दिया जाएगा और जिम्मेदारी सीधे विक्रेता की होगी।
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टैगिंग पर रोक, नकली बिक्री पर कार्रवाई
जिलाधिकारी ने चेतावनी दी है कि विक्रेता किसानों को यूरिया, डीएपी या एनपीके के साथ अन्य अप्रचलित उर्वरक खरीदने के लिए बाध्य न करें। इसे कालाबाजारी मानते हुए आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सभी विक्रेताओं को पीओएस से बिक्री करते समय किसानों को कैश मेमो या रसीद देना अनिवार्य होगा। साथ ही एमएफएमएस पोर्टल पर बिक्री का रियल टाइम एक्नालेजमेंट करना होगा ताकि डीबीटी प्रणाली के तहत वास्तविक खरीदार का नाम दर्ज हो सके।
थोक विक्रेताओं को आदेश दिया गया है कि जनपद का स्टाक किसी भी दशा में अन्य जिलों में न बेचा जाए। ऐसा करना उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 और परिसंचलन नियंत्रण आदेश 1973 का उल्लंघन होगा। सभी विक्रेता अपने प्रतिष्ठान पर जिला कृषि अधिकारी का मोबाइल नंबर 7839882748 अनिवार्य रूप से अंकित करें। अन्य जनपद के किसानों को उर्वरक न दिया जाए और न ही एक ही व्यक्ति को बार-बार या काल्पनिक नाम से बिक्री की जाए।
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