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आंखों में जलन-सांस में दिक्कत के मरीज बढ़ रहे, प्रदूषण ने बढ़ाई टेंशन; इन बातों का रखे ख्याल

cy520520 2025-11-12 12:06:25 views 863

  



जागरण टीम। रायबरेली। ठंड पड़ने लगी है। इस समय जिला अस्पताल से लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों तक जुकाम, बुखार, खांसी के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। वहीं आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत होने के मरीज भी पहुंच रहे हैं। चिकित्सक ने प्रदूषण व मौसम बदलने के चलते मरीजों की संख्या बढ़ने की बात कही। चिकित्सक ने मरीजों को उपचार के साथ ही सुबह शाम टहलने से परहेज करने की सलाह दी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

इसके साथ मरीजों को चेताया कि इस समय बेहद सतर्कता बरतें, लापरवाही कतई न करें। मंगलवार को जिला अस्पताल में करीब 1550 मरीज आए। इसमें सबसे अधिक मरीज सांस लेने में परेशानी, आंखों में जलन समेत सर्दी बुखार के पहुंचे। जिला अस्पताल के फिजीशियन डा. मो. आजम का कहना है कि सांस व आंखों में जलन के मरीज बढ़े हैं। सभी को सलाह दी गई कि धुआं, धूल से बचकर रहें। बाहर निकले तो मास्क जरूर लगाएं या फिर गमछा लेकर निकले।

ऊंचाहार: सीएचसी की ओपीडी में करीब 267 नए रोगियों पर्चे बने, वहीं 86 पुराने पर्चे पर इलाज कराने पहुंचे। इन दिनों सुबह शाम ज्यादा ठंड होती है, लेकिन दिन में धूप निकलने के कारण मौसम सामान्य रहता है। दीपावली के बाद से प्रदूषण भी बढ़ गया है। यही वजह है कि इन दिनों ओपीडी में मरीजों की संख्या अधिक देखने को मिल रही है।

सुबह-शाम ठंडक बढ़ने से खांसी-जुकाम, बुखार, आंखों में जलन व सांस लेने में दिक्कत, घबराहट और पेट संबंधी संक्रमण बढ़ गया है। सीएचसी के वरिष्ठ चिकित्सक डा. महमूद अख्तर ने बताया कि मौसम परिवर्तन व बढ़ते प्रदूषण के कारण लोगों को इन दिनों जुकाम-बुखार, गले में खरास, आंखों में जलन, घबराहट, आंखों में जलन और सांस संबंधित दिक्कतें आ रही हैं। जिन्हें गुनगुना पानी पीने के साथ सर्दी से बचाव के उपाय बताए जा रहे हैं।

सीएचसी अधीक्षक डा. मनोज शुक्ल ने बताया कि सर्दी के मौसम में धुआं आसमान तक नहीं पहुंचता है, जो वातावरण में आसपास छाया रहता है। जिसकी वजह से लोगों में समस्याएं उत्पन्न हो रही है। उन्होंने बताया कि सांस के मरीज घर में मच्छर वाली क्वाइल व अगरबत्ती व धुएं से बचें।

मच्छरों से बचाव के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करते हुए फुल आस्तीन के कपड़े पहनें। सांस के मरीजों को सुबह शाम घर से बाहर टहलने के लिए भी नहीं निकलना चाहिए। पुराने सांस के मरीजों को अपनी नियमित दवाएं समय पर खानी चाहिए। परेशानी होने पर तत्काल पास के सरकारी अस्पताल में चिकित्सक को दिखाएं।
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