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Bareilly Violence: …तो राख हो जाता बरेली? सात दिनों से ये साजिश रच रहा था मौलाना, पुलिस को नहीं था जरा भी अंदाजा_deltin51

Chikheang 2025-9-29 15:36:04 views 831

  पेट्रोल बम के सहारे शहर को फूंकना चाहते थे उपद्रवी





जागरण संवाददाता, बरेली। 2010 के दंगे की तरह मौलाना ने इस बार फिर से शहर को जलवाने की तैयारी कर ली थी। भड़काऊ बयान देकर प्रदर्शन के नाम पर भीड़ को एकत्र करना और उनके हाथों में पत्थर, हथियार, चाकू, लाठी डंडे और पेट्रोल बम इस बात का सबूत थे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

पुलिस ने सही समय पर मोर्चा न संभाला होता तो शहर 15 साल पहले हुए दंगे की तरह से सुलग रहा होता।  पुलिस को इस बात का अंदाजा बिल्कुल भी नहीं था कि उन्हें प्रदर्शन नहीं करने का पत्र देकर सिर्फ गुमराह किया जा रहा था।  



मौलाना के वीडियो ने सब बदल दिया

हकीकत में तो मौलाना की इस पत्र के पीछे भी एक बड़ी साजिश थी। एक पल को जब पुलिस को पत्र मिला तो कुछ चैन की सांस ली थी, लेकिन अगले ही दिन मौलाना के वीडियो ने सब बदल दिया। 80 प्रतिशत नमाज पूरी होने के बाद एक साथ ही आई भीड़ ने पुलिस पर जब हमला किया तो पुलिस भी दंग रह गई।  



एसएसपी ने सभी प्वाइंट्स पर पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई थी। इसलिए उपद्रवियों को मौके पर ही कंट्रोल कर लिया गया था। मौलाना के मंसूबों का पता तब चला जब पुलिस ने घटना स्थल से पेट्रोल बम, कारतूस और तमंचा बरामद किया।  

पुलिस ने जब इस कड़ी में और चीजें तलाशना शुरू की तो साजिश के कई अहम सबूत पुलिस के हाथ लगे। इस पूरे उपद्रव को इंटरनेट मीडिया के माध्यम से कंट्रोल किया जा रहा था।  

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आइएमसी के ही कई पदाधिकारियों नदीम, अनीस समेत कई लोगों की भूमिका सामने आ गई। इसके बाद पुलिस ने सभी के विरुद्ध प्राथमिकी लिखी।   

नदीम के फोन से लगातार की जा रही थीं वाट्स-एप काल और संदेश  



पुलिस ने जब लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की और उनके फोन आदि खंगाले तो स्पष्ट हो गया।  पुलिस को नदीम के फोन से उस वक्त के कई संदिग्ध काल मिले जब शहर में उपद्रव हो रहा था। इससे यह स्पष्ट हो कि उपद्रवियों को इंटरनेट मीडिया के माध्यम से कंट्रोल किया जा रहा था।  



सात दिनों से चल रही थी साजिश  

मौलाना तौकीर रजा इस उपद्रव के लिए पिछले सात दिनों से साजिश रच रहे थे। अंदरखाने इसकी तैयारी की जा रही थी अभी तक जो भी घटनाक्रम थे, वह उस पूरी प्लानिंग का एक हिस्सा थे। जिसे समझने में पुलिस से चूक हुई।  



यह भी पढ़ें- बरेली उपद्रव में बड़ा अपडेट: मौलाना ने कहा- \“बिगाड़ दो शहर का माहौल, भले हत्या ही क्यों न करनी पड़े\“

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