चंद्रमा पर बिना हवा-पानी के क्यों बनती है जंग? (नासा)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चंद्रामा पर जंग लगने की बात बड़ी अजीब सी लगती है क्योंकि वहां न तो पानी है, न हवा है और न ही सूरज की किरणों को लगातार प्रभाव रहता है। लेकिन अब वैज्ञानिकों ने अपनी नई खोज में पता लगाया है कि चंद्रमा की मिट्टी में मौजूद लोहा हेमेटाइट नामक जंग में बदल सकता है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
नए प्रयोगों और उपग्रहों से मिले सबूत बताते हैं कि पृथ्वी के ऊपरी वायुमंडल से आने वाले ऑक्सीजन आयन इस रसायन को चला सकते हैं। इससे पता चलता है कि चंद्रमा उतना निष्क्रीय नहीं है, जितना पहले इसे समझा जाता है।
पृथ्वी और चंद्रमा का रसायन
जियोफिजिकल रिसर्च लेटर्स में प्रकाशित शोध के अनुसार, वैज्ञानिकों ने चंद्रमा जैसी स्थिति बनाकर प्रयोग किए। उन्होंने लोहे और इल्मेनाइट पर ऑक्सीजन और हाइड्रोजन आयनों का इस्तेमाल किया। पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र से आने वाले ऑक्सीजन आयनों ने बिना पानी के लोहे को हेमेटाइट में बदल दिया।
सूरज की हवा में मौजूद हाइड्रोजन की ऊर्जा इतनी कम थी कि वह इस प्रक्रिया को रोक नहीं सका। लेकिन हाइड्रोजन की ऊर्जा अधिक हो, तो यह हेमेटाइट को फिर से धातु में बदल सकता है। इस तरह एक नाजुक संतुलन बनता है।ind vs pak, ind vs pak final, asia cup t20, indian cricket team, pakistan cricket team, abhishek sharma, shahid Afridi, Shoaib Akhtar,
चंद्रमा पर क्यों बनता है हेमेटाइट?
हेमेटाइट चंद्रमा के ध्रुवों और पृथ्वी की ओर वाले हिस्सों में ज्यादा पाया जाता है। हर महीने चंद्रमा जब पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र से गुजरता है तो वहां ऑक्सीजन सतह पर आती है और हाइड्रोजन का प्रभाव कम हो जाता है। इससे जंग लगने की प्रक्रिया को बढ़ावा मिलता है।
भारत के चंद्रयान-1 और नासा के लूनर रिकॉनैसेंस ऑर्बिटर ने ऐसे सबूत दिए हैं जो इन प्रयोगों से मेल खाते हैं।
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