देवभूमि नशामुक्त संयुक्त संघर्ष समिति की ओर से आयोजित आक्रोश रैली में शामिल लोग। जागरण
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश: देवभूमि नशामुक्त संयुक्त संघर्ष समिति ने खारास्रोत स्थित शराब ठेके और मादक पदार्थों के खिलाफ आक्रोश रैली निकालकर प्रदेश को नशामुक्त बनाने की मांग की।
इससे पहले भारी पुलिस बल धरना स्थल पर प्रदर्शनकारियों को रोकने में जुटा रहा। इस दौरान पुलिस व प्रदर्शनकारियों के बीच जमकर धक्का-मुक्की भी हुई और तनाव का माहौल बना रहा। हालांकि, प्रदर्शनकारियों की अधिक संख्या को देखते हुए पुलिस को पीछे हटना पड़ा और शांति बनाए रखने की शर्त पर प्रदर्शनकारी रैली के रूप में निकले। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
खारास्रोत स्थित धरना स्थल में सुबह से लोग जुटने शुरू हो गए थे। पुलिस प्रशासन भी खासा मुस्तैद नजर आया। पुलिस बल ने कई बार प्रदर्शनकारियों को रैली निकालने से रोकने का प्रयास किया।
लाठी-डंडे लेकर प्रदर्शनकारियों को पीछे धकेला गया, लेकिन प्रदर्शनकारी पुलिस की घेराबंदी तोड़कर आगे निकल गए। खारास्रोत से रैली शुरू होकर लोनिवि तिराहे से होते हुए नगर पालिका मुनिकीरेती के आगे से होकर चौदहबीघा के आंतरिक मार्गों से गुजरी।
इस दौरान मुख्यमंत्री व क्षेत्रीय विधायक के खिलाफ नारे भी लगे। रामलीला मैदान के समीप हुई जनसभा में पालिकाध्यक्ष मुनिकीरेती नीलम बिजल्वाण ने कहा कि यह लड़ाई क्षेत्र व प्रदेश के युवाओं के भविष्य की है।
देवभूमि में शराब व किसी भी तरह के नशे का स्थान नहीं होना चाहिए। पूर्व विधायक नरेंद्रनगर ओमगोपाल रावत, दिनेश चंद्र मास्टर, सरदार सिंह पुंडीर आदि ने सभा को संबोधित करते हुए प्रदेश सरकार से शराब के ठेके को जल्द से जल्द यहां से हटाने व देवभूमि को नशामुक्त बनाने की मांग की।
रैली में संजय सिल्सवाल, समिति के विधिक सलाहकार लालमणि रतूड़ी, पूर्व सैनिक सुदेश भट्ट व कई अन्य लोग शामिल थे। वहीं, पुलिस ने रविवार सुबह से ही समिति के अध्यक्ष हिमांशु बिजल्वाण, जिला पंचायत सदस्य पुष्पा रावत, क्षेत्र पंचायत सदस्य सीताराम राणाकोटी व संदीप भंडारी को नजरबंद में रखा।
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