दुनिया का एक और मुस्लिम देश इजरायल के साथ। (फोटो- रॉयटर्स)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मिडिल ईस्ट में ट्रंप के शांति प्रयासों के बीच एक बड़ी खबर सामने आई है। दुनिया का एक बड़ा मुस्लिम देश इजरायल को मान्यता देने जा रहा है। इसको अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और इजरायल के पीएम नेतन्याहू को मिली सफलता के रूप में देखा जा रहा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
दरअसल, कजाकिस्तान ने गुरुवार को एलान करते हुए बताया कि वह अब्राहम समझौते में शामिल होगा। अब्राहम समझौते की शुरुआतत साल 2020 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान हुई थी, जब यूएई और बहरीन जैसे प्रमुख देशों ने इजरायल के साथ संबंधों को सामान्य किया।
कजाकिस्तान के अब्राहम समझौते में शामिल होने के मायने
ध्यान देने वाली बात है कि अब्राहम समझौते में कजाकिस्तान के शामिल होने का फैसला ऐसे समय पर आया है, जब राष्ट्रपति कासिम-जोमार्ट तोकायेव गुरुवार को राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप और अन्य मध्य एशियाई देशों के नेताओं के साथ शिखर सम्मेलन में हिस्सा ले रहे थे। कजाकिस्तान के इस फैसले को मिडिल ईस्ट में अमेरिका के अपना प्रभुत्व बढ़ाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि, कजाकिस्तान ने गुरुवार को कहा कि इसमें शामिल होना उसके लिए स्वाभाविक और तार्किक है।
कजाकिस्तान का बयान आया सामने
बता दें कि इस संबंध में कजाकिस्तान की ओर से एक बयान जारी किया गया है। इस बयान में कहा गया कि अब्राहम समझौते में हमारा प्रत्याशित प्रवेश कजाकिस्तान की विदेश नीति की स्वाभाविक और तार्किक निरंतरता का प्रतिनिधित्व करता है, जो संवाद, पारस्परिक सम्मान और क्षेत्रीय स्थिरता पर आधारित है।
इससे पहले अमेरिकी विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने कहा था कि एक नया देश समझौते में शामिल होगा, जिससे शुरुआती अटकलें लगाई जा रही थीं। मियामी में अमेरिका बिजनेस फोरम में विटकॉफ ने कहा कि मैं आज रात वाशिंगटन वापस जा रहा हूं क्योंकि हम आज रात घोषणा करने जा रहे हैं कि एक और देश अब्राहम समझौते में शामिल हो रहा है। |
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