cy520520 • 2025-11-6 17:36:58 • views 523
डिजिटल डेस्क, भोपाल : कुछ दिन पूर्व सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश (CJI) पर जूता उछालने वाले वकील राकेश किशोर इन दिनों छतरपुर जिले के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल खजुराहो पहुंचे हुए हैं। बुधवार को उन्होंने यहां के मंदिरों में दर्शन किए। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इसी क्रम में खजुराहो के जवारी मंदिर की मूर्ति को लेकर याचिका दायर करने वाले राकेश दलाल ने गुरुवार को मंदिर के सामने बगलामुखी हवन आयोजित किया। बताया गया कि हवन विधि-विधान से संपन्न किया गया और पूजा-अर्चना भी की गई।
एएसआई रख रहा नजर
वकील राकेश किशोर ने खजुराहो के अन्य मंदिरों के भी दर्शन किए और संभावना है कि वे अब मातंगेश्वर महादेव मंदिर में पूजा के लिए जा सकते हैं। उधर, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम दोनों की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए है। एएसआई खजुराहो के अधिकारियों के अनुसार, जहां हवन-पूजन किया गया, वह स्थल प्रतिबंधित क्षेत्र की सीमा में नहीं आता।
यह है मामला
गौरतलब है कि राकेश दलाल ने खजुराहो मंदिर में स्थित जावरी मंदिर में भगवान विष्णु की सात फीट ऊंची बिना सिर की मूर्ति को रीस्टोर करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टाइन जॉर्ज मसीह की बेंच ने 17 सितंबर को यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी थी कि ये मामला पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) के दायरे में आता है।
CJI ने की थी तल्ख टिप्पणी
याचिका खारिज करते हुए मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने यह तल्ख भी टिप्पणी की थी कि, “जाओ, अब भगवान से ही प्रार्थना करो। आप कहते हो कि आप भगवान विष्णु के भक्त हो, तो उनसे ही कुछ करने के लिए कहो। यह पुरातात्विक स्थल है, इसके लिए ASI की इजाजत चाहिए। हमें खेद है कि हम इसमें दखल नहीं दे सकते।“
इस पर वकील राकेश कुमार ने जस्टिस गवई के टिप्पणी का विरोध करते हुए 6 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट के अंदर जूता फेंकने की कोशिश की थी। इस घटना के बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया था और बाद में बार एसोसिएशन और बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने उन्हें निलंबित भी कर दिया था। |
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