जागरण संवाददाता, गोंडा। बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय स्कूलों में फर्नीचर आपूर्ति का क्रयादेश जारी करने के लिए रिश्वत मांगने के मामले में एंटी करप्शन न्यायालय गोरखपुर के आदेश पर बेसिक शिक्षा अधिकारी अतुल कुमार तिवारी, जिला समन्वयक निर्माण विद्याभूषण मिश्र व जिला समन्वयक जेम पोर्टल प्रेम शंकर मिश्र पर नगर कोतवाली में मुकदमा किया गया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अब बीएसए पर लगे आरोपों की जांच पुलिस करेगी। उनका बयान दर्ज करने को लेकर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। नीमन सीटिंग सल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक व मोतीगंज के किनकी निवासी मनोज कुमार पांडेय ने एंटी करप्शन न्यायालय में प्रार्थना पत्र देकर एफआइआर की मांग की थी।
उन्होंने कहा कि बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय स्कूलों में 15 करोड़ से फर्नीचर की आपूर्ति की निविदा निकाली गई। निविदा देने के लिए कुल धनराशि का 15 प्रतिशत कमीशन मांगा गया। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने 50 लाख रुपये पहले देने के लिए कहा। उन्होंने 36 लाख रुपये दे दिया।
शेष धनराशि का प्रबंध करने के लिए समय मांगा। रुपये लेने के लिए उन्हें डीडी (डिमांड ड्राफ्ट) वापस कर दी गई। उनका आवेदन रद करने की चेतावनी दी गई। रुपये न देने पर उनका आवेदन रद कर दिया गया और फर्म पर मुकदमा करा दिया गया। उन्हें उनका रुपये भी वापस नहीं किया जा रहा है।
मामले में विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम कोर्ट संख्या पांच से मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। बेसिक शिक्षा अधिकारी अतुल तिवारी ने बताया कि फर्जी कागज लगाकर निविदा लेने का प्रयास किया गया था।
फर्म को ब्लैकलिस्ट कर मुकदमा कराया गया। इससे क्षुब्ध होकर निराधार आरोप लगाया गया है। नगर कोतवाल विवेक त्रिवेदी ने कहा कि बीएसए व दो जिला समन्वयकों पर मुकदमा किया गया है। अब बयान लेने को लेकर प्रक्रिया चल रही है। |