लाल किला के पास हुए बम विस्फोट में एक और आतंकी याशिर अहमद डार को पटियाला कोर्ट में पेश किया गया। जागरण
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। लाल किला के बाहर हरियाणा नंबर की आई-20 कार में मानव बम बनकर धमाका करने के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सफेदपोश आतंकी नेटवर्क से जुड़े पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के एक और आतंकी यासिर अहमद डार को गिरफ्तार किया है। एनआईए की जांच में चौकाने वाली बात सामने आई है। आतंकी याशिर अहमद डार को पटियाला कोर्ट में पेश किया गया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
...और आतंकी के मंसूबों पर पानी फिर गया
आतंकी यासिर अहमद डार भी लाल किला कार धमाका में मारे गए आतंकी डाॅ. उमर नबी बट की तरह मानव बम बनने की तैयारी कर रहा था। उसकी योजना भी उमर नबी बट की तरह आत्मघाती हमला करने की थी। इसके लिए उसने पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं से बातचीत में कई माह पहले शपथ भी ली थी, लेकिन सफेदपोश डाॅक्टर मॉड्यूल का भंडाफोड़ हो जाने व कई आतंकी साथियों के पकड़े जाने से इस मॉड्यूल के विस्तृत मंसूबे पर पानी फिर गया।
अभी विस्फोट करने की नहीं योजना
एनआईए का कहना है कि फरीदाबाद में इस मॉड्यूल के कई आतंकियों के पकड़े जाने और पुलिस द्वारा इनके विस्फोटक, हथियार व कारतूस बरामद होते देख आनन-फानन में फरीदाबाद से दिल्ली आकर उमर नबी बट 10 नवंबर को लाल किला के बाहर मानव बम बनकर भले ही धमाका कर दिया लेकिन इस मॉड्यूल की योजनाा अभी फिलहाल धमाका करने की नहीं थी। यह मॉड्यूल अभी प्लानिंग ही कर रहा था।
मुस्लिम बहुल इलाके से दबोचा
एनआईए के अनुसार, अगर यासिर अहमद डार भी उस समय दिल्ली-एनसीआर में होता तब वह भी मानव बम बनकर दिल्ली-एनसीआर को दहला सकता था। लाल किला ब्लास्ट मामले में 15 लोगों की मौत हो गई थी और 22 लोग घायल हो गए थे। एनआईए का कहना है कि इस केस में गिरफ्तार होने वाला यासिर अहमद डार नौवां आतंकी है। वह श्रीनगर के शोपियां का रहने वाला है। उसे एनआईए ने दिल्ली से एक मुस्लिम बहुल इलाके से पकड़ा गया है।
कार बम ब्लास्ट के पीछे की साजिश में यासिर की सक्रिय भूमिका
एनआईए को जांच में पता चला है कि 10 नवंबर को राष्ट्रीय राजधानी में हुए कार बम ब्लास्ट के पीछे की साजिश में यासिर की सक्रिय भूमिका थी। साजिश में सक्रिय रूप से शामिल होने के कारण, उसने वफादारी की शपथ ली थी और बलिदान देने वाले ऑपरेशन करने की कसम खाई थी।
कई साथियाें के पकड़े जाने पर उसने घटना वाले दिन 10 नवंबर को उमर को मानव बम बनकर धमाका करने की नसीहत दी थी। उस दिन उसने खुद को शोपियां में होने के कारण अफसोस जाहिर की थी।
जांच से यह में यह भी पता चला है कि यासिर इस मामले में दूसरे आरोपितों के साथ, जिसमें उमर उन नबी (बम धमाके को अंजाम देने वाला मृत व्यक्ति) और मुफ्ती इरफान शामिल हैं, करीबी संपर्क में था।
कई डिजिटल डिवाइस और अन्य आपत्तिजनक सामग्री जब्त
विभिन्न केंद्रीय और राज्य एजेंसियों के साथ मिलकर काम करते हुए एनआईए आतंकी हमले के पीछे की साजिश का पता लगाने के लिए तेजी से आगे बढ़ रही है। इस महीने की शुरुआत में इसने जम्मू-कश्मीर और उत्तर प्रदेश में कई संदिग्धों के ठिकानों पर बड़े पैमाने पर तलाशी ली और कई डिजिटल डिवाइस और अन्य आपत्तिजनक सामग्री जब्त की है। इससे पहले मुख्य आरोपित डाॅ. मुजम्मिल शकील गनी और डाॅ. शाहीन सईद के ठिकानों पर भी तलाशी ली गई थी, जो अल फलाह यूनिवर्सिटी काॅम्प्लेक्स और फरीदाबाद (हरियाणा) में अन्य जगहों पर थे।
26 दिसंबर तक एनआइए हिरासत में भेजा
पटियाला हाउस स्थित प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने लाल किला बम धमाका मामले में आरोपित यासिर अहमद डार को 26 दिसंबर तक एनआइए हिरासत में भेज दिया। डार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच कोर्ट में पेश किया गया। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अंजू बजाज चांदना ने एनआइए की ओर से दलीलें सुनने के बाद आदेश पारित किया। सुरक्षा कारणों से मामले की सुनवाई बंद कमरे में की गई। इससे पहले मामले में गिरफ्तार दो अन्य आरोपित डा. बिलाल नासिर मल्ला और शोएब की एनआइए हिरासत 19 दिसंबर तक बढ़ा दी थी। दोनों आरोपियों को उनकी हिरासत अवधि पूरी होने के बाद अदालत में पेश किया जाएगा।
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