गोरखपुर छात्र हत्‍याकांड का शातिर गोतस्कर मुठभेड़ में ढेर, रामपुर में मारा गया एक लाख का इनामी जुबैर_deltin51

LHC0088 2025-9-27 07:06:42 views 1247
  पुलिस मुठभेड़ में मारा गया शातिर गोतस्कर जुबैर।





जागरण संवाददाता, रामपुर। पुलिस मुठभेड़ में मारा गया शातिर गोतस्कर जुबैर पर गोरखपुर पुलिस ने एक लाख का इनाम घोषित किया था। नीट की तैयारी कर रहे छात्र दीपक गुप्ता के अपहरण के बाद हत्या के मामले में वह फरार चल रहा था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

शहर कोतवाली के मुहल्ला घेर मर्दान खां का रहने वाला जुबैर आठ साल से पशु तस्करी कर रहा था। उसका नाम एक साल पहले तब चर्चा में आया जब उसके खिलाफ बलरामपुर पुलिस ने पहली सितंबर 2024 को अभियोग पंजीकृत किया था। उस पर आरोप था कि उसने पशु तस्करी रोकने गए सिपाही के सिर पर डंडा मारकर गंभीर रूप से घायल कर फरार हो गया था।



तब उसकी गिरफ्तारी पर 50 हजार रुपये का इनाम रखा गया था। एसटीएफ ने शहजादनगर थाना क्षेत्र से उसे मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया था। जमानत पर छूटने के बाद वह फिर अपराध करने लगा। इस बार उसने गाेरखपुर में पशु तस्करी के दौरान अपने साथियों से मिलकर युवक की हत्या कर दी और फरार हो गया था। गोरखपुर पुलिस और एसटीएफ उसे तलाश कर रही थी। उसकी सक्रियता को लेकर स्थानीय पुलिस भी अलर्ट मोड पर थी। इसी क्रम में मुठभेड़ के दौरान पुलिस ने उसे ढेर कर दिया। शहर कोतवाली पुलिस ने 19 अगस्त 2017 को पहली बार उसे गिरफ्तार किया था। उसके पास से सात पशु मिले थे। इसके बाद उसके खिलाफ शहर के विभिन्न थानों में कई मुकदमे दर्ज हुए।kolkata-general,Parth Chatterjee bail,West Bengal teacher recruitment scam,Calcutta High Court,teacher recruitment scam,Justice Subhra Ghosh,ED arrest,CBI investigation,illegal appointments,Trinamool Congress MLA,public office appointment,West Bengal news   



बलरामपुर और गोरखपुर के मुकदमों को मिलाकर उसके खिलाफ आठ साल में 15 मुकदमे दर्ज थे। स्थानीय थानों की बात करें तो शहर कोतवाली में उसके खिलाफ दो, गंज कोतवाली में पांच, मिलक कोतवाली में चार और केमरी थाने में दो मुकदमे दर्ज थे। हालांकि पशु तस्करी के इस धंधे में उतरने के बाद भी वह कोई संपत्ति नहीं बना सका था। उसका परिवार अब भी मुहल्ला घेर मर्दान खां में किराये के मकान में रह रहा है। चार भाईयों में जुबैर तीसरे नंबर का था। पिता की मृत्यु हो चुकी थी।



वह अभी अविवाहित था। लोगों का कहना है कि करीब छह माह से उसे किसी ने नहीं देखा था। वह ज्यादातर बाहर रहकर गो तस्करी के अपराध में संलिप्त रहता था। उसने अपना गैंग बना लिया था। जिसकी मदद से बिहार से बांग्लादेश व नेपाल से उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में वह गोवंशीय पशुओं की तस्करी करता था।



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