Montha Cyclone Update: बंगाल की खाड़ी में बना मोंथा चक्रवात (Cyclone Monta) के प्रभाव से बिहार के कई जिलों में रिमझिम बारिश हो रही है।  
 
  
 
संवाद सहयोगी, भागलपुर। Montha Cyclone Update बंगाल की खाड़ी में बना मोंथा चक्रवात (Cyclone Monta) का प्रभाव बिहार के मौसम पर दिखने लगा है। इसके कारण भागलपुर सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों में आसमान बादलों से घिरा रहेगा और अगले कुछ दिनों तक मौसम में परिवर्तन जारी रहने की संभावना है। मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक कहीं हल्की तो कहीं मध्यम वर्षा हो सकती है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
एक दिन में गिरा तीन डिग्री पारा  
 
मोंथा चक्रवात के असर से भागलपुर में एक दिन में अधिकतम तापमान तीन डिग्री गिर गया है। बुधवार की सुबह से घनघोर घटा छाई हुई है। दोपहर बाद से शहर और आसपास में बूंदाबांदी आरंभ हो गई। पूरे दिन में कभी भी आज धूप नहीं निकल सकी। अधिकतम तापमान 29. 8 डिग्री सेल्सियस, न्यूनतम तापमान 23.8 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। 89 प्रतिशत आद्रता के साथ महज 2.2 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पश्चिमी हवा चल रही है। फिलहाल ऐसा ही मौसम बना रहेगा।  
 
तापमान में गिरावट, मोंथा चक्रवात से बढ़ेगी ठंडक  
 
चक्रवाती प्रभाव के कारण अधिकतम तापमान में 4 से 6 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की जा सकती है। दिन में धूप कम रहेगी और ठंडी हवाओं से शाम व रात का तापमान और नीचे जा सकता है। इसके चलते लोगों को हल्की ठंड महसूस होने लगेगी और मौसम में गुलाबी सर्दी का अहसास बढ़ेगा।  
 
मोंथा चक्रवात : कब तक रहेगा असर 
 
मौसम विज्ञान केंद्र, पटना के अनुसार यह परिवर्तनशील मौसम 2 नवंबर तक बने रहने का अनुमान है। बादल छाए रहने और रुक-रुककर वर्षा की संभावना बनी रहेगी। इसके बाद मौसम में क्रमिक सुधार संभव है।  
 
मोंथा चक्रवात : कृषि पर प्रभाव   
 
इस समय धान कटाई का चरम दौर चल रहा है। मौसम विभाग और कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी है। कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञों के अनुसार इस समय हुई बारिश धान की गुणवत्ता और उपज, दोनों को प्रभावित कर सकती है। इसलिए फसल को सुरक्षित रखने के लिए सावधानी अत्यंत जरूरी है।  
 
किसान भाई धान कटाई में बरतें ये सावधानी  
  
 - पका हुआ धान तुरंत न काटें, बादल और वर्षा की स्थिति स्पष्ट होने पर ही कटाई करें। 
 
  - कटे हुए धान को खुले में छोड़ने के बजाय तिरपाल से ढककर रखें ताकि नमी से दाना काला या खराब न हो। 
 
  - खेत में पानी भरने की स्थिति में जल निकासी व्यवस्था दुरुस्त रखें। 
 
  - गीले मौसम में मड़ाई और भंडारण से बचें। 
 
    
 
बिहार के अलग-अलग जिलों में मोंथा चक्रवात का असर  
 
अररिया : मोंथा चक्रवात का असर अररिया में देखने को मिला। इसकाे लेकर बुधवार को पूरे दिन धूप नहीं निकली। आसमान में सुबह से ही बादल छाया रहा। कुछ जगहों पर हल्की बुंदाबांदी भी हुई है। मौसम पूरी तरह से शुष्क बना हुआ है। हवा नहीं चली है।  
 
सुपौल : मोंथा का असर दो दिनों से दिखाई दे रहा है। मंगलवार को जहां आसमान में बादल छाए रहे वहीं बुधवार को बूंदाबांदी होती रही। इससे फसल को नुक़सान नहीं पहुंचा है।  
 
खगड़िया : चक्रवात मोंथा के प्रभाव से जिले के मौसम में बदलाव आया है। मंगलवार को भी हल्की बूंदाबांदी हुई थी। बुधवार को भी कई इलाके में बूंदाबांदी हुई है। आसमान में बादल का प्रभाव दिख रहा है।  
 
मुंगेर : मोंथा चक्रवात का हल्का प्रभाव मुंगेर में है। मंगलवार की रात में कुछ देर के लिए बूंदा-बांदी हुई थी। बुधवार को धूप नहीं निकली है। आज भी कुछ देर बूंदा-बांदी हुई है। आसमान में सुबह से ही बादल छाए हैं।  
 
लखीसराय : मोंथा चक्रवात के कारण आसमान में बादल छाए हुए हैं। दिन में सूर्य का दर्शन नहीं हुआ है। जिले के कई इलाकों में रह-रह कर बूंदा-बांदी हो रही है।  
 
मधेपुरा : मोंथा चक्रवात का असर पूरे मधेपुरा जिले में दिख रहा है। सुबह से धूप नहीं निकली है। आसमान में बादल छाये हुए हैं। रुक-रुक कर हल्की बूंदाबांदी भी हो रही है। वर्षापात की संभावना बनी हुई है। फिलहाल किसी प्रकार की जान-माल की नुकसान की सूचना नहीं है।  
 
बांका : बांका में दोपहर बाद बादल का प्रभाव रहा। कटोरिया में हल्की बूंदा बूंदी हुई है। कुछ जन्य स्थानों पर भी बूंदा बूंदी हुई है। जिले में मोंथा चक्रवात के प्रभाव से मौसम में बदलाव आया है।  
 
जमुई : जिले भर में मोंथा चक्रवात का व्यापक असर दिख रहा है। सुबह से ही आसमान में बादल छाए हुए हैं। अभी कुछ देर से हल्की बारिश हो रही है। दिनभर रुक-रुक कर फुहारें बरसती रहीं। |   
                
                                                    
                                                                
        
 
    
                                     
 
 
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