बंद खातों के दावेदारों को खोज कर दी जाएगी अनक्लेम्ड राशि।
प्रवीण तिवारी, अयोध्या। वर्षों से अलग-अलग बैंकों में जमा अनक्लेम्ड राशि का निस्तारण शुरू करने की तैयारी है। सभी बैंकों में इस तरह के खातों के उत्तराधिकारियों को खोज कर उन्हें यह राशि दी जाएगी। ये ऐसे खाते हैं, जिसमें गत दस वर्षों से कोई लेददेन नहीं हुआ। राशि देने के पहले संपूर्ण अभिलेखीय प्रक्रिया का पालन होगा। सभी बैंकों ने इस निर्देश का अनुपालन शुरू कर दिया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
हालांंकि, अभी बैकों में ऐसे खातों व खाताधारकों के नाम की तलाश हो रही है। इसकी सूची बैंकों को केंद्रीयकृत व्यवस्था से भी प्राप्त होगी। बैंकों को यह निर्देश दिया गया है कि खातों की अनक्लेम्ड राशि को जल्द ही उचित दावेदारों को दे दिया जाए। जिले में विभिन्न बैंकों की 255 शाखायें हैं, जिनमें इस आदेश को लेकर हलचल है।
इसमें प्रमुख रूप से बैंक ऑफ बड़ौदा, पंजाब नेशनल बैंक, उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक, भारतीय स्टेट बैंक सहित अन्य बैंकों की शाखाएं ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में अवस्थित हैं। लीड बैंक मैनेजर गणेश शंकर यादव ने बताया कि इस तरह का निर्देश प्राप्त हुआ है।
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दरअसल लोग बैंकों में खाता तो खुलवाते हैं, लेकिन देखा गया है कि कई खातो में वर्षों से लेनदेन बंद है। दस वर्ष तक ऐसी स्थित बनी रहने के कारण इसमें जमा धनराशि अनक्लेम्ड राशि की श्रेणी में आ जाती है और बैंक इस राशि को आरबीआई को भेज देते हैं।
उच्चस्तर पर तय हुआ कि इस तरह के खातों की तलाश की जाए और औपचारिकता पूर्ण कर धनराशि आरबीआई से पुनः प्राप्त कर इसे उचित दावेदारों को सौंप दिया जाए।
लीड बैंक मैनेजर ने बताया कि इस तरह के खातों का विवरण केंद्रीयकृत व्यवस्था से सभी बैंकों को सीधे प्राप्त होगा। बताया कि खोजबीन के बाद ही खातों की संख्या की जानकारी साझा की जा सकती है। एक अक्टूबर से इस जमा राशि का निस्तारण प्रारंभ हो जाएगा।
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