क्या चांद की सतह पर लग रही जंग। (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कुछ प्राकृतिक घटनाएं ऐसी होती हैं, जिन्हें देखने के बाद वैज्ञानिक भी हैरान हो जाते हैं। ऐसी ही एक हालिया रिपोर्ट ने वैज्ञानिकों को परेशान किया है।
दरअसल, सामने आई एक रिपोर्ट में पता चला है कि चांद के ध्रुवीय इलाकों में हीनेटाइट नाम का एक खनिज पाया गया है। इसके सामान्य भाषा में आयरन ऑक्साइड या जंग के नाम से जाना जाता है। इस बीच सभी के मन में सवाल है कि चांद पर ना तो पर्याप्त मात्रा में पानी है और ना ही वहां पर ऑक्सीजन है, ऐसे में वहां जंग कैसे लग सकती है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
जंग के इस रहस्य ने वैज्ञानिकों को किया हैरान
टीओआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, जियोफिजिकल रिसर्च लेटर्स पत्रिका में छपी एक रिपोर्ट ने लोगों को हैरान किया है। हालांकि, सामने आई इस जानकारी ने चांद और धरती के रिश्ते को नए नजरिए से देखने का भी अवसर दिया है। रिपोर्ट के बाद कुछ वैज्ञानिकों ने दावा किया कि धरती के कारण ही चांद पर जंग लगी हैं।
वैज्ञानिक मान रहे हैं कि चांद पर हीमेटाइट बनने की प्रक्रिया की मुख्य वजह धरती की भूमिका हो सकती है। आम तौर पर जंग के लिए ऑक्सीजन और पानी दोनों की आवश्यकता होती है, लेकिन चांद इन संसाधनों की कमी है।
शोध में पाया गया है कि जब चांद अपनी प्ररिक्रमा करते हुए धरती की चुंबकीय पूंछ से होकर गुजरता है को पांच दिनों तक सूरज की हवाओं में वह कहीं छिप जाता है। ठीक इसी समय चांद पर सीधा असर डालने वाले कल पृथ्वी से निकलने वाली ऑक्सीजन होती है। इसके वैज्ञानिक भाषा में अर्थ विंड भी कहा जाता है।
वैज्ञानिकों ने लैब में किया ये प्रयोग
जैसे ही ये रिपोर्ट सामने आई, वैज्ञानिकों के मन में कई सवाल खड़े हुए। वैज्ञानिकों ने इस विचार की जांच के लिए लैब में एक अनोखा प्रयोग किया। लैब में वैज्ञानिकों ने ऑक्सीजन और हाइड्रोजन आयनों को तेज गति से लौह-युक्त खनिजों पर डाला। ये खनिज ठीक वैसे ही थे, जो आम तौर पर चांद की सतह पर मिलते हैं। इस दौरान वैज्ञानिकों ने चौंकाने वाला परिणाम पाया।Deepti naval, Deepti naval Prakash Jha, Deepti naval movies, Deepti naval Latest movies, Tara And Akash Love Beyond Realms, Deepti Naval now, Where is Deepti Naval Now, दीप्ति नवल, bollywood news
इस प्रयोग के दौरान जब उच्च एनर्जी वाले ऑक्सीजन कण इन खनिजों से टकराए, तो उनमें हीमेटाइट बनने की प्रक्रिया देखने को मिली। वहीं, इस दौरान हाइड्रोजन के टकराने से यह प्रक्रिया आंशिक रूप से उलटी हो सकती है। इसका मतलब है कि जहां पर ऑक्सीजन जांच पर जंग बनाने में मदद कर रही है, वहीं हाइड्रोजन उसको धीमा करने की क्षमता रख रहा है।
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