देहरादून में पर्यटन संकट- आपदा के बाद बेपटरी हुआ पर्यटन कारोबार, व्यवसायी मायूस
जागरण संवाददाता, देहरादून। आपदा में ठप हुआ जिले का पर्यटन कारोबार एक सप्ताह बाद भी पटरी पर नहीं लौटा। आपदा में जिले की तमाम सड़कें और पुल क्षतिग्रस्त होने से पर्यटकों की आवाजाही बिल्कुल ना के बराबर है।
देहरादून, सहस्रधारा, मसूरी, ऋषिकेश और चकराता आदि के होटलों की आक्यूपेंसी 10 प्रतिशत से कम हो गई है। ऐसे में होटल कारोबारियों को कर्मचारियों की तनख्वाह और बिजली का बिल तक निकालना दूभर हो रहा है। नदियों के किनारे स्थित होटल, रेहड़ी, कैफे और दुकानें तो पूरी तरह से नेस्तनाबूत हो गये हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
दून वैली में हर समय पर्यटकों की भारी भीड़ रहती है। खासतौर पर त्योहारों के सीजन में तो हर साल भारी संख्या में पर्यटक यहां पहुंचते हैं। लेकिन, बीते 15-16 सितंबर की रात को जिले के तमाम स्थानों पर आई आपदा लोगों के गहरे जख्म दे गई। जहां एक तरफ स्थानीय लोगों के घर, खेत, वाहन आदि बर्बाद हुए तो दूसरी पर्यटन व्यवसाय को भारी झटका लगा।
हालांकि, बारिश थमने के बाद धीरे-धीरे सभी चीजें पटरी पर लौट रही हैं, लेकिन पर्यटक अभी यहां आने से कतरा रहे हैं। जिससे होटल, होमस्टे, कैफे, रेहड़ी, दुकान और साहसिक गतिविधि कराने वाले लोगों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। खासतौर पर जिन्होंने लीज और किराए पर होटल ले रखा है, उन्हें सबसे अधिक परेशानी है।
नवरात्र और दशहरे में जगी थी उम्मीद
आपदा से पहले तक होटल कारोबारियों को उम्मीद थी कि नवरात्र और दशहरे के दौरान बुकिंग में इजाफा होगा। लेकिन, इससे पहले आई आपदा ने सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। कुछ कारोबारियों ने तो पर्यटकों के स्वागत के लिए पहले ही स्टाफ बढ़ाकर तैयारियां शुरू कर दी थी। लेकिन अब कारोबारियों को उन्हें तनख्वाह तक देना मुश्किल हो रहा है।
भारी डिस्काउंट के बाद नहीं हो रही बुकिंग
आपदा से चौपट हुए होटल कारोबार को उबारने के लिए व्यवसायियों ने भारी डिस्काउंट देना शुरू कर दिया है। लेकिन इसके बावजूद पर्यटकों की पर्याप्त आमद नहीं हो रही। मसूरी और देहरादून के कई होटलों में 50 से 60 प्रतिशत तक डिस्काउंट दिया जा रहा है। साथ ही ऋषिकेश में तो होटल के कमरे धर्माशालाओं की कीमत पर पांच सौ से एक हजार रुपये के बीच मिल रहे हैं। लेकिन फिर भी होटल कारोबारियों के चेहरे उतरे हैं।Old Age Pension Scheme,वृद्ध पेंशन योजना,Delhi Old Age Pension,Pension scheme for elderly,Senior Citizen Benefits,Government Pension Schemes,Financial assistance for seniors,Pension Application Process,Eligibility for pension scheme,Old age financial support
पर्यटन स्थल भी हुए क्षतिग्रस्त
आपदा से पर्यटन स्थलों को भी काफी क्षति पहुंची है। देहरादून के गुच्चुपानी में मौजूद पर्यटन विभाग की कैंटीन, दुकानें आदि क्षतिग्रस्त हुई हैं। शहंशाही से झड़ीपानी-मसूरी के लिए जाने वाले ट्रैक को भी नुकसान पहुंचा है। मालदेवता, सहस्रधारा और मसूरी रोड के किनारे मौजूद तमाम दुकानें और रेहड़ी तो पूरी तरह से आपदा के सैलाब में बह गईं। ऐसे में छोटे कारोबारियों के सामने दोबारा अपना व्यापार शुरू करने का भारी संकट खड़ा हो गया है।
बोले होटल कारोबारी
आपदा समाप्त होने के बावजूद होटल कारोबार पटरी पर नहीं लौटा। कर्मचारियों की तनख्वाह निकालना मुश्किल हो रहा है। होटलों में 10 प्रतिशत भी आक्यूपेंसी नहीं बची। - सुरेश चंद्र गिल्होत्रा, अध्यक्ष, दून होटल एसोसिएशन।
आपदा के दौरान समस्या हुई थी। लेकिन अब मार्ग सुचारु होने से पर्यटकों की आमद शुरू हो गई है। पर्यटक अब पूरी तरह से सुरक्षित हैं। यातायात भी सुचारु रूप से संचालित हैं।
-संजय अग्रवाल, अध्यक्ष, मसूरी होटल एसोसिएशन।
आपदा थमने के बावजूद अधिकांश होटल खाली पड़े हैं। कारोबारियों को होटल के खर्चे निकालने मुश्किल हो रहे हैं। लीज में होटल लेने वालों को सबसे अधिक समस्या है।
-मदन गोपाल, अध्यक्ष, ऋषिकेश होटल एसोसिएशन।
 |