LHC0088                                        • 2025-10-14 01:37:30                                                                                        •                views 814                    
                                                                    
  
                                
 
  
 
    
 
  
 
जागरण संवाददाता, हमीरपुर। त्योहार को लेकर खाद्य पदार्थों में मिलावट का धंधा काफी तेज हो जाता है जो कि शरीर के लिए हानिकारक है। ऐसे मिलावटी खाद्य पदार्थों की ग्राहक स्वयं पहचान कर सकता है। इसके लिए सहायक आयुक्त खाद्य द्वितीय डा.गौरीशंकर ने आवश्यक टिप्स बताए हैं। जिससे मिलावटी खाद्य पदार्थों के असली और नकली होने का पता लग सकेगा। 
सहायक आयुक्त खाद्य द्वितीय ने बताया कि सरसों के तेल की पहचान के लिए उसे फ्रिज में रख दें। यदि तेल जमता है तो वह नकली है। इसी तरह से दूध में हल्दी पाउडर मिला दें। यदि रंग लाल हो जाए तो दूध में मिलावट की पूरी संभावना है। वहीं खोवा की पहचान के लिए मेडिकल स्टोर से मिलने वाले टिंचर आयोडीन को लाकर चांर बूंद डालने पर यदि खोवे का रंग नीला या काला होता है तो वह मिलावटी है। इसी तरह से मसालों की भी जांच ग्राहक कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि लाल मिर्च पाउडर को कांच के गिलास में पानी लेकर घोलने पर पानी का रंग लाल हो जाता है तो मिर्च में मिलावट है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
इसी तरह से हल्दी और धनिया की भी पहचान की जा सकती है। काली मिर्च में पपीते के बीज होने की पहचान के लिए काली मिर्च को पानी में डालें यदि पपीता के बीज होगें तो वह पानी में तैरने लगेंगें। चाय की पत्ती की पहचान के लिए कांच के गिलास में पानी लेकर चाय घोलने पर यदि रंग काला होता है तो चाय की पत्ती में मिलावट है। नमक में आयोडीन की जांच के लिए आलू के कटे हुए टुकड़े में यदि नमक डालने पर आलू नीला या काला होता है तो नमक आयोडीन युक्त है। उन्होंने ग्राहकों से त्योहार में रंगीन मिठाइयां लेने से परहेज करने की भी अपील की है।  
मिलावटी फूड खाने से ये हो सकते नुकसान  
 
 
लंबे समय तक मिलावटी चीजें खाने से कैंसर, किडनी फेलियर और लिवर डैमेज जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। वहीं, अगर दूध में पानी जैसी मिलावट की गई हो, तो उससे प्रोटीन और कैल्शियम जैसे पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। जो लोग न्यूट्रिशन के लिए इन चीजों पर निर्भर करते हैं, उनमें कुपोषण की समस्या हो सकती है। |   
                
                                                    
                                                                
        
 
    
                                     
 
 
 |