Forgot password?
 Register now
deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

उत्तराखंड के इन जिलों में प्रदूषण मानकों की अनदेखी, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दिए कड़ी कार्रवाई के निर्देश

Chikheang 5 hour(s) ago views 214

  

तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण



राज्य ब्यूरो, जागरण देहरादून। प्रदेश में हरिद्वार, पंतनगर व सितारगंज स्थित सिडकुल क्षेत्रों में औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले अपशिष्ट जल के उपचार के लिए सामान्य अपशिष्ट उपचार संयंत्र (सीईटीपी) तो लगे हैं, लेकिन ये अपने उद्देश्य में कारगर साबित नहीं हो रहे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

यानी, वहां प्रदूषण मानकों का उल्लंघन हो रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को तत्काल प्रभाव से कार्रवाई करने और पर्यावरणीय क्षति की वसूली के निर्देश दिए हैं। इसे देखते हुए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कसरत शुरू कर दी है।

हरिद्वार सिडकुल क्षेत्र में नौ और पंतनगर और सितारगंज में चार-चार एमएलडी (मिलियन लीटर डेली) अपशिष्ट जल के उपचार के लिए सीईटीपी स्थापित किए गए हैं। सिडकुल ने इन्हें स्थापित किया और संचालन का जिम्मा तीन अलग-अलग कंपनियों को सौंपा है।

हाल में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने तीनों सिडकुल क्षेत्रों का निरीक्षण किया। इसमें बात सामने आई कि सीईटीपी में जैव आक्सीजन व रासायनिक आक्सीजन मांग मानकों के अनुरूप नहीं है। साथ ही क्रोमियम, लोहा, निकिल जैसी भारी धातुओं की मात्रा जैसे महत्वपूर्ण मानकों का भी उल्लंघन हो रहा है।

हरिद्वार में तो सीईटीपी के आउटलेट में अत्यधिक प्रदूषित अपशिष्ट पाया गया। इसी तरह पंतनगर व सितारगंज के संयंत्रों में भी तमाम खामियां पाई गईं। इससे साफ है कि अपशिष्ट जल के उपचार की प्रणाली का संचालन ठीक से नहीं हो रहा है। इस पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने गंभीर चिंता जताते हुए उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को तत्काल प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं।

यह भी पढ़ें- उत्तराखंड वासियों के दीपावली पर्व होगा और खुशहाल, बोनस और डीए के रूप में कर्मचारियों को तोहफा  

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इन सिडकुल क्षेत्रों में स्थित सीईटीपी के इन व आउटलेट में अपशिष्ट मानकों का अनुपालन सुनिश्चित कराने, संयंत्रों के संचालन में सुधार को समयबद्ध कार्ययोजना तैयार करने, संयंत्र संचालकों से पर्यावरणीय क्षति की वसूली करने और निगरानी को प्रभावी तंत्र विकसित करने के निर्देश दिए हैं। उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को इन बिंदुओं पर एक माह के भीतर अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है।

उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव डा पराग मधुकर धकाते के अनुसार केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दिशा-निर्देशों के क्रम में तीनों सिडकुल क्षेत्रों में सीईटीपी में प्रदूषण मानकों के उल्लंघन की जांच शुरू कर दी गई है।

संचालक कंपनियों पर पर्यावरणीय क्षति जारी की जा रही है। उन्होंने बताया कि सीईटीपी में प्रदूषण मानकों का उल्लंघन होने पर पर्यावरणीय क्षति वसूलने का प्रविधान है। यह प्रतिदिन के हिसाब से वसूली जाती है। इसके अलावा अन्य कदम भी उठाए जा रहे हैं।
like (0)
ChikheangForum Veteran

Post a reply

loginto write comments

Related threads

Chikheang

He hasn't introduced himself yet.

9676

Threads

0

Posts

210K

Credits

Forum Veteran

Credits
29230
Random