नई दिल्ली। प्राइमरी मार्केट में आए दिन कई आईपीओ की एंट्री होती रहती है। Rubicon Research IPO का आज दूसरा दिन है। दूसरे दिन में इस आईपीओ का रिटेल सब्सक्रिप्शन 2.41 गुना हो गया है। वहीं कुल सब्सक्रिप्शन 0.86 गुना हो गया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
कल भी इस आईपीओ की जीएमपी के चलते Canara Robeco IPO से ज्यादा प्यार दिया जा रहा था। 2.41 गुना रिटेल सब्सक्रिप्शन का अर्थ है कि रिटेल निवेशक अब इसमें पैसा नहीं लगा पाएंगे। अगर आपने भी इसमें पैसा लगाया है, तो चलिए जानते हैं कि आपको इसमें फायदा होगा या नुकसान। ब्रोकरेज कंपनी Ventura ने इसे लेकर क्या कहा है?
आपको फायदा होगा या नुकसान?
इससे समझने के लिए की आईपीओ से फायदा होगा या नुकसान, हमें कई बातों पर ध्यान देना जरूरी है। जैसे बीते साल रेवेन्यू कैसा था, वैल्यूशन क्या है, इश्यू स्टकचर कैसा है और लिस्टिंग के पहले और बाद में मार्केट कैप कितना है। इन सभी को देखते हुए हम ये निर्णय ले सकते हैं कि आपको इससे फायदा होगा या नुकसान?
सबसे पहले इस कंपनी के रेवेन्यू और EBITDA पर ध्यान देते हैं।
टेबल पर दी गई कीमत करोड़ में है-
वित्त वर्ष | रेवेन्यू | EBITDA | 2022-23 | ₹393.5 | 18.5 | 2023-24 | ₹853.9 | 154.6 | 2024-25 | ₹1284.3 | 256 |
कंपनी ने वित्त वर्ष 2023-24 के मुकाबले वित्त वर्ष 2025-26 में अच्छी कमाई की है। हालांकि वित्त वर्ष 2022-23 और वित्त वर्ष 2023-24 के रेवेन्यू में ज्यााद अंतर नहीं दिख रहा है।
वैल्यूशन से क्या पता चलता है?
इसकी वैल्यूशन पर अगर ध्यान दें तो इसका P/E, अन्य फर्मा कंपनी से ज्यादा है। जो इसके ओवरवैल्यू होने की ओर इशारा करता है। ओवरवैल्यू का मतलब सरल और इनडायरेक्ट शब्दों में कहा जाए तो ये अपनी वैल्यू से अधिक कीमत पर बिक रहा है। इसका अर्थ है कि ये महंगा है।
आपको खरीदना चाहिए या नहीं?
ओवरवैल्यू होने की वजह से आप इसमें पैसा लगाने से बचे। क्योंकि ये अभी अपनी मौजूद वैल्यू के हिसाब से अधिक कीमत में बेचा जा रहा है। वहीं अगर कंपनी के वित्त वर्ष 2024-25 के रेवेन्यू पर ध्यान दें तो वे बीते वर्ष से कई अधिक है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इसे वित्त वर्ष 2024-25 में अमेरिकी बाजार से लगभग 98.49 फीसदी का योगदान मिला था।
ये अपनी दवाईयां अमेरिका को बेचती है। क्योंकि मौजूदा समय अमेरिका और भारत के बीच टैरिफ को लेकर मेदभेद चल रहा है। वहीं ये इंडियन बेस कंपनी होकर अमेरिका में अपना प्रोडेक्ट बेचती है, तो इस समय इसमें पैसा लगाने से बचना चाहिए।
अब आईपीओ के बारे में बेसिक जानकारी देख लेते हैं।
Rubicon Research IPO बेसिक डिटेल
इश्यू साइज और सटक्चर (Issue Size and Structure) कैसा है?
इस आईपीओ के तहत 2,84,02,040 शेयर्स जारी किए जाएंगे, जिनकी कीमत 1,377.50 करोड़ रुपये होगी।
इश्यू सटक्चर
शेयर होल्डिंग | प्री इश्यू (%) | पोस्ट इश्यू (%) | प्रमोटर्स | 77.67 | 61.8 | पब्लिक | 22.3 | 38.2 | इस आईपीओ के तहत QIB शेयर्स की होल्डिंग 75 फीसदी से ज्यादा या बराबर होंगे। वहीं नॉन इन्सिट्युशनल शेयर्स की होल्डिंग 15 फीसदी से कम या बराबर रहेंगे। इसके अलावा रिटेल शेयर्स की होल्डिंग 10 फीसदी या इससे कम हो सकते हैं।
कितना होगा मार्केट कैप?
पोस्ट इश्यू यानी शेयर्स जारी होने के बाद इसका मार्केट कैप 7954 करोड़ रुपये का हो सकता है।
कितना है प्राइस बैंड?
इस आईपीओ का प्राइस बैंड 461 से 485 रुपये प्रति शेयर है। इसका इश्यू प्राइस 484 रुपये प्रति शेयर हो सकता है।
लॉट साइज कितना है?
इसका लॉट साइज 30 शेयर्स का है।
(डिस्क्लेमर: यहां IPO पर दी गयी जानकारी निवेश की सलाह नहीं है। जागरण बिजनेस निवेश की सलाह नहीं दे रहा है। शेयर बाजार में जोखिम हो सकता है इसलिए निवेश करने से पहले किसी सर्टिफाइड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर से परामर्श जरूर करें।) |