राष्ट्रपति मुर्मु ने ललित कला अकादमी राष्ट्रीय पुरस्कार से कलाकारों को किया सम्मानित (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने बुधवार को 20 कलाकारों को ललित कला अकादमी राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि कला सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध करने तथा समाज को अधिक संवेदनशील बनाने का एक सशक्त माध्यम है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
पुरस्कार समारोह के साथ ही अकादमी में 64वीं राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी का समापन भी हुआ, जिसमें चित्रकला, मूर्तिकला, फोटोग्राफी और इंस्टालेशन जैसे विषयों में देश भर से 283 कलाकृतियां प्रदर्शित की गईं।
कला के बारे में राष्ट्रपति का संबोधन
राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि भारतीय परंपरा में कला को आध्यात्मिक साधना का एक रूप माना गया है। हमारे समाज में कलाकारों को विशेष सम्मान दिया जाता है। आपकी कला न केवल सौंदर्य अभिव्यक्ति का माध्यम है, बल्कि हमारी सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध करने और समाज को अधिक संवेदनशील बनाने का एक सशक्त माध्यम भी है।new-delhi-city-general,New Delhi City news,UER-2 toll dispute,Delhi toll protests,toll free Delhi,Harsh Malhotra minister,toll hatao sangharsh samiti,Palam Khap 360,Delhi traffic news,toll plaza chakka jam,Delhi village toll tax,Delhi news
उन्होंने कहा कि प्रदर्शनी में दिखायी कलाकृतियों से यह स्पष्ट है कि भारतीय कला निरंतर विकसित हो रही है और नए आयाम प्रस्तुत कर रही है। इस दौरान अभिषेक शर्मा, एस सोनम ताशी, विजय एम ढोरे, भास्कर जायती गोगोई, आशीष घोष, गिरिराज शर्मा, आनंद जयसवाल, केसीएस प्रसन्ना, कनु प्रिया, तापती भौमिक मजूमदार और वेणुगोपाल वीजी सहित सम्मानित कलाकारों को दो लाख रुपये की पुरस्कार राशि, एक स्मृति चिह्न और एक प्रमाण पत्र दिया गया।
किसने किया आयोजन
यह पहली बार है जब ललित कला अकादमी ने कलाकारों में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने और भारत की रचनात्मक अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्रदर्शित कलाकृतियों को बिक्री के लिए रखा। राष्ट्रपति ने कहा कि कलाकृतियों का उचित मूल्यांकन उन लोगों को प्रेरित करेगा, जो कला को पेशे के रूप में अपनाना चाहते हैं।
संस्कृति मंत्री ने क्या कहा?
संस्कृति मंत्रालय के सचिव विवेक अग्रवाल के अनुसार, प्रदर्शनी के दौरान 74 कलाकारों की कलाकृतियां कुल 1.35 करोड़ रुपये में बिकीं। पुरस्कार समारोह में संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी शामिल हुए। उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शनी आधुनिकता के साथ सामंजस्य में परंपरा और आधुनिकता के विकास का प्रमाण है। |