जर्जर पहाड़ी से गिरे मलबे व हाईवे पर धंसाव ने रोकी रफ्तार
जागरण संवाददाता, गरमपानी। नैनीताल व अल्मोड़ा जनपद की सीमा पर क्वारब क्षेत्र में पहाड़ी से एकाएक हुए भूस्खलन व हाईवे पर धंसाव बढ़ने से आवाजाही ठप हो गई। लोडर मशीन की मदद से बामुश्किल मलबा हटाए जाने के बाद छोटे वाहनों की आवाजाही बामुश्किल सुचारु हो सकी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
हाईवे पर धंसाव से बड़े वाहनों की आवाजाही रोक दी गई। खैरना से रुट डायवर्ट कर बड़े वाहन वाया रानीखेत होते हुए गंतव्य की ओर भेजे गए। यात्रियों व पर्यटकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
बुधवार को क्वारब की खस्ताहाल पहाड़ी से हुए भूस्खलन से गिरे पत्थरों व मलबे से हाईवे पर आवाजाही बाधित हो गई। दोनों ओर छोटे बड़े वाहनों की कतार लग गई। यात्रियों व पर्यटकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
एनएच प्रशासन की टीम ने लोडर मशीनों की मदद से मलबा हटाने की जद्दोजहद शुरु की बामुश्किल दो घंटे की मशक्कत के बाद मलबा हटवाया जा सका। हाईवे के एक हिस्से पर धंसाव बढ़ने से बड़े वाहनों को आगे बढ़ने से रोक दिया गया। पहाड़ी से लगातार पत्थरों के गिरने से अनहोनी का अंदेशा भी बना रहा।
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कड़ी निगरानी के बीच एक एक कर छोटे वाहनों की आवाजाही करवाई गई। कई वाहन पत्थरों की चपेट में आने से बाल बाल बचे। खैरना क्षेत्र से बड़े वाहनों का रुट डायवर्ट कर लाया रानीखेत होते हुए पहाड़ की ओर भेजा गया। कई बड़े वाहनों को भी क्वार्ड क्षेत्र से वापस भेजा गया।
एनएच के अवर अभियंता जगदीश पपनै ने बताया की हाईवे के एक हिस्से पर धंसाव बढ़ने से चौड़ाई कम होने के कारण बड़े वाहनों की आवाजाही संभव नहीं है। फिलहाल छोटे वाहनों की आवाजाही करवाई जा रही है। हाईवे को दुरुस्त कर बड़े वाहनों के लिए भी हाईवे खोलने का प्रयास किया जा रहा है।
प्रतिबंध के बावजूद मालवाहक वाहन बन रहे मुसीबत
पहाड़ी के लगातार दरकने तथा हाईवे पर मंडरा रहे खतरे के मद्देनजर जिला प्रशासन अल्मोड़ा ने मालवाहक वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया है बावजूद रात के समय मालवाहक वाहन धड़ल्ले से क्वारब क्षेत्र में हाईवे पर आवाजाही कर रहे हैं। पुलिस की तैनाती के बाद भी खुलेआम जिलाधिकारी अल्मोड़ा के आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही है।
भारी-भरकम मालवाहक वाहनों की आवाजाही से हाईवे के अस्तित्व पर खतरा बढ़ता ही जा रहा है। रोजाना एक दो नहीं बल्कि दर्जनों वाहनों की आवाजाही होने से खतरा दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है। पांच सौ रुपये सुविधा शुल्क की आड़ में आवाजाही की चर्चाओं से तमाम गंभीर सवाल भी खड़े हो रहे हैं। लगातार निगरानी के बाद भी मालवाहक वाहनों के खस्ताहाल हाईवे पर आने जाने से पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली भी सवालों के घेरे में आ गई है। |