Forgot password?
 Register now

हिंडन एयरबेस पर दिखा वायुसेना का पराक्रम, राफेल से लेकर मिग-21 तक की रही धाक

LHC0088 2025-10-9 07:36:27 views 1032

  

हिंडन एयरबेस पर दिखा वायुसेना का पराक्रम, राफेल से लेकर मिग-21 तक की रही धाक



राहुल कुमार, साहिबाबाद। भारतीय वायुसेना मतलब सक्षम, सशक्त और आत्मनिर्भर। जब भी राष्ट्र ने पुकारा तो भारतीय वायुसेना ने आकाश का सीना चीरकर अपने अदम्य साहस और कर्तव्य परायणता का परिचय दिया। चाहे पाकिस्तान को कारगिल के युद्ध में धूल चटाई हो, या \“ऑपरेशन सिंदूर\“ में दुश्मन को मारा हो। अचूक, अभेद, सटीक निशाना ये ही भारतीय वायुसेना की पहचान है। ऐसी ही देश की ताकत भारतीय वायु सेना के 93वें स्थापना दिवस पर हिंडन एयरबेस में लगाई गई प्रदर्शनी में देखने को मिली। यहां राफेल से लेकर हरक्यूलिस, अपाचे, मिग-29 समेत भारत में निर्मित आकाश मिसाइल डिफेंस सिस्टम व रोहिणी रडार की आभा इनके शौर्य और पराक्रम की गाथा को बयां कर रही थी। छह दशक तक भारतीय सेना में अपनी सेवा देने वाला इतिहास बन चुका मिग-21 भी दिखाई दिया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

मिग-21 : जेट 1963 में पहली बार भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था। यह सोवियत संघ के मिकोयान-गुरेविच डिजाइन ब्यूरो द्वारा विकसित एक एकल-इंजन, एकल-सीटर, बहु-भूमिका वाला सुपरसोनिक लड़ाकू विमान है। यह भारत का पहला सुपरसोनिक जेट था। मिग-21 जेट ने 1965 के भारत-पाक युद्ध, 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम व 1999 के कारगिल युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

बोईंग सी-17 ग्लोब मास्टर: यह विश्व के बड़े मालवाहक जहाजों में से एक है। ग्लोब मास्टर कारगिल, लद्दाख और अन्य उत्तरी और उत्तर पूर्वी सीमाओं जैसी जगहों पर आसानी से उतर सकता है। विमान चार इंजनों से लैस है। 81वीं स्क्वार्डन के ग्रुप कैप्टन को ‘गोल्डन की’ देकर विमान को भारतीय वायुसेना में शामिल किया। इसकी लंबाई 174 फीट, चौड़ाई- 170 फीट, ऊंचाई- 55 फीट और 3500 फीट लंबी हवाई पट्टी पर उतरने की क्षमता, आपातकाल में 1500 फीट पट्टी पर उतरने में सक्षम है। यह 70 टन वजन ले जाने में सक्षम है और एक बार में 42 हजार किमी तक की उड़ान भर सकता है।

सुखोई एसयू-30 एमकेआई: हवा से-हवा में मार करने वाली मिसाइल ‘अस्त्र’ का सफल परीक्षण ओडिशा समुद्रतट पर 16 सितंबर 2019 को किया गया था। परीक्षण के लिए एमयू-30 एमकेआइ से मिसाइल को लांच किया गया। मिसाइल ने हवा में लक्ष्य पर सटीक वार किया। इससे स्वदेशी हवा-से-हवा-में मार करने वाली मिसाइल की क्षमता प्रदर्शित हुई। विभिन्न रडार, सेंसर और इलेक्ट्रो-आप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम (ईओटीएस) ने मिसाइल पर नजर बनाए रखी और लक्ष्य को मार गिराया।

अपाचे: अपाचे दुनिया का सबसे उन्नत लड़ाकू व नाइट विजन हेलीकाप्टर है। अमेरिकी कंपनी बोइंग द्वारा निर्मित यह हेलीकाप्टर आधुनिक संचार, नेविगेशन, सेंसर और हथियार प्रणाली से लैस है। अपाचे 21 हजार फीट की ऊंचाई तक 280 किमी प्रतिघंटे की अधिकतम रफ्तार से उड़ान भर सकता है। इसमें 30 मिलीमीटर की दो गन हैं, जिनमें एक बार में 1200 गोलियां भरी जाती हैं। अपाचे स्ट्रिंगर मिसाइल हवा से आने वाले किसी भी खतरे का सामना करने में सक्षम है।

मिग-29: मिग-29 यूपीजी जिसका भारतीय नाम \“\“\“\“बाज\“\“\“\“ है। सोवियत रूस में निर्मित एक हवाई श्रेष्ठता लड़ाकू विमान है। इसे औपचारिक रूप से 1987 में भारतीय वायु सेना में शामिल किया गया था। इनका अपेक्षाकृत सुरक्षित ट्रैक रिकार्ड रहा है। रिपोर्टों के अनुसार यह लड़ाकू विमान- मिग-29 यूपीजी का उन्नत संस्करण है।

आकाश मिसाइल: यह भारत की स्वदेशी निर्मित मिसाइल है। इसमें ट्वीन स्टेज राम जेट इंजन का उपयोग किया गया है। इसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन द्वारा विकसित किया गया है। मिसाइल प्रणाली विमान को 25 किलोमीटर दूर व 18 हजार मीटर ऊंचाई तक टारगेट कर सकती है। ये प्रणाली कच्चे मार्गों पर चलने के लिए आवश्यक समग्र विशिष्टताओं से लैस है।

एएलएच एमके-3: हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा स्वदेश निर्मित एएलएच एमके-3 हेलीकाप्टर में अत्याधुनिक उपकरण शामिल हैं। इसमें उन्नत रडार के साथ-साथ इलेक्ट्रो-आप्टिकल सेंसर, शक्ति इंजन, पूर्ण ग्लास काकपिट, उच्च तीव्रता वाली सर्च लाइट, उन्नत संचार प्रणाली, स्वचालित पहचान प्रणाली के साथ-साथ खोज और बचाव प्रणाली शामिल हैं।

एसयू-30 एमकेआई: एसयू-30 एमकेआइ भारतीय वायुसेना का लड़ाकू विमान है। यह बहु-उपयोगी लड़ाकू विमान रूस के सैन्य विमान निर्माता सुखोई और भारत के हिन्दुस्तान ऐरोनाॅटिक्स लिमिटेड के सहयोग से बना है। इस के नाम में स्थित एमकेआई का मतलब आधुनिक व्यावसायिक भारतीय से है।

सी-130जे हरक्यूलिस: सी-130जे सुपर हरक्यूलिस एक अमेरिकी चार इंजन वाला विमान है। सी-130 हरक्यूलिस मुख्य रूप से एयर लिफ्ट मिशन के सामरिक भाग को पूरा करता है। यह विमान उबड़-खाबड़, धूल भरी पट्टियों से भी उड़ान भरने में सक्षम है और शत्रुतापूर्ण क्षेत्रों में सैनिकों और उपकरणों को हवाई मार्ग से उतारने के लिए प्रमुख परिवहन साधन है।

राफेल जेट: राफेल एक ट्विन-जेट लड़ाकू विमान है जो एक विमान वाहक पोत और तटीय अड्डे, दोनों से संचालित किया जा सकता है। पूरी तरह से बहुमुखी राफेल सभी लड़ाकू विमानन मिशनों को अंजाम देने में सक्षम है। इसे फ्रांस में बनाया गया है।

रोहिणी राडार: राडार डीआरडीओ द्वारा विकसित एक पूर्णत: भारतीय राडार है। यह कोई आयातित उत्पाद नहीं है। बीईएल ने छह अगस्त 2008 को भारतीय वायु सेना को पहला रोहिणी राडार प्रदान किया। रोहिणी में नये भारत में विकसित एंटीना है, जो पावर हैंडलिंग और बीम फार्मिंग प्रौद्योगिकी के मामले में अधिक उन्नत है।

यह भी पढ़ें- ऑपरेशन सिंदूर में स्वदेशी हथियारों से पाकिस्तान को चार दिन में धूल चटाई: एयर चीफ मार्शल एपी सिंह
like (0)
LHC0088Forum Veteran

Post a reply

loginto write comments

Related threads

LHC0088

He hasn't introduced himself yet.

6802

Threads

0

Posts

210K

Credits

Forum Veteran

Credits
20638
Random