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नकली इंजन आयल बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़, मास्टमाइंड समेत पांच गिरफ्तार

cy520520 2025-10-9 05:36:43 views 50

  
नकली इंजन आयल बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़, मास्टमाइंड समेत पांच गिरफ्तार



जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राजधानी में गाड़ियों के इंजन को नुकसान पहुंचाने वाले नकली लुब्रिकेंट और मोबिल आयल के बड़े नेटवर्क का क्राइम ब्रांच की टीम ने भंडाफोड़ किया है। कंझावला इंडस्ट्रियल एरिया में चल रही अवैध फैक्ट्री पर छापेमारी करते हुए मास्टरमाइंड सकलान अहमद उर्फ प्रिंस, उसके भाई सोहिद अहमद उर्फ अल्लू समेत कुल पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने मौके से 2,600 लीटर नकली इंजन आयल, हाईटेक मशीनें, फर्जी पैकिंग सामग्री और लेबल बरामद किए। जब्त माल की कीमत करीब 15 लाख रुपये बताई जा रही है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
होलोग्राम और पैकेजिंग मैटेरियल बरामद

उपायुक्त आदित्य गौतम के मुताबिक, टीम को गुप्त सूचना मिली थी कि कंझावला इंडस्ट्रियल एरिया में नकली इंजन आयल बनाने की फैक्ट्री चलाई जा रही है, जहां नामी ब्रांडों की पैकिंग में घटिया तेल भरकर बाजार में बेचा जाता है। इस सूचना की पुष्टि के लिए हेड कांस्टेबल सुरेंद्र सिंह और महेंद्र सिंह को लगाया गया। सात अक्टूबर को पुख्ता इनपुट मिलने के बाद एसीपी रमेश चंदर की देखरेख में और इंस्पेक्टर कमल कुमार के नेतृत्व में टीम ने योजना बनाकर छापा मारा। पुलिस के पहुंचते ही फैक्ट्री में अफरातफरी मच गई, लेकिन टीम ने सभी को काबू कर लिया। फैक्ट्री में बड़े-बड़े ड्रम, फिल्टर और फिलिंग मशीनें, पैकिंग के लिए इस्तेमाल हो रहे कंटेनर, लेबल, होलोग्राम और कार्टन बरामद हुए।
छापेमारी में पांच लाेग दबोचे गए

छापेमारी में पांच लोग पकड़े गए। इनमें सकलान अहमद उर्फ प्रिंस और उसका भाई सोहिद अहमद उर्फ अल्लू इस धंधे के मास्टरमाइंड बताए गए हैं। दोनों मूल रूप से आगरा के रहने वाले हैं और 2019 से नकली इंजन आयल बनाने के कारोबार में सक्रिय हैं। साल 2021 में भी इन्हें नकली तेल बनाने के मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है। सजा से बचने के बाद दोनों 2022 में दिल्ली आकर फिर से धंधा शुरू करने लगे। मई में कंझावला में फैक्ट्री किराए पर लेकर नया नेटवर्क खड़ा किया।
नक्कालों वाले कामों में अव्वल है शकील

इनके साथ पकड़ा गया शकीलुद्दीन उर्फ शकील पहले भी नकली तेल के काम में शामिल रहा है और पैकिंग का जिम्मा संभालता था। शान मोहम्मद एमएससी केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुका है और पहले फार्मा कंपनी में काम करता था। बेरोजगारी के बाद उसने प्रोडक्शन की निगरानी का जिम्मा लिया। मोहम्मद सलमान सातवीं पास है और फैक्ट्री में बोतलें भरने व लेबल चिपकाने का काम करता था।
ऐसे चल रहा था नकली तेल का कारोबार

जांच में पता चला कि यह गैंग हर महीने 8 से 10 हजार लीटर नकली इंजन आयल तैयार करता था, यानी करीब 800 से 1000 कार्टन (एक कार्टन में 10 बोतलें)। इसके लिए वे सस्ते दाम पर कच्चा तेल, खाली बोतलें, स्टिकर और पैकिंग सामग्री खरीदते थे। फिर नामी कंपनियों जैसे होंडा और बजाज के फर्जी लेबल व होलोग्राम लगाकर असली जैसा पैक तैयार करते। इस पैकेजिंग को देखकर आम ग्राहक या मैकेनिक धोखा खा जाते और नकली तेल को असली समझकर खरीद लेते।

ये लोग इसे अक्सर ओईएम सरप्लस या एक्सपोर्ट रिजेक्ट बताकर वर्कशाप, थोक डीलर और आटो पार्ट्स की दुकानों को सस्ते दाम पर बेच देते थे। भुगतान ज्यादातर नकद में होता था और रिकाॅर्ड से बचने के लिए फर्जी बिलिंग करते थे। इस गोरखधंधे से इन्हें करीब ढाई लाख रुपये महीना मुनाफा हो रहा था।

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