गडबड़ी को लेकर उठने वाले सवाल हो जाएगा खत्म (प्रतीकात्मक तस्वीर)
अरविंद पांडेय, जागरण, नई दिल्ली। मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण (एसआईआर) के तौर-तरीकों का कांग्रेस सहित दूसरे विपक्षी दल विरोध कर रहे है लेकिन यह मतदाता सूची में गडबड़ी को लेकर उठने वाले सवालों को आगे भी खत्म कर सकता है। वजह एसआईआर के जरिए मतदाता सूची को लेकर किया जाने वाला अपडेशन है। ऐसे में जैसे ही देश भर में एक बार एसआईआर का काम पूरा हो जाएगा, तो कोई भी व्यक्ति मतदाता सूची में अब अपने नाम को दो जगहों से नहीं जुड़वा पाएगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
जैसे ही कोई इसके लिए आवेदन करेगा तुरंत ही पकड़ में आ जाएगा। इतना ही नहीं, इसके जरिए स्थानांतरित होने वाले मतदाताओं को भी ट्रैक करना आसान होगा। आयोग अपने तंत्र को सशक्त बनाने की तैयारी में तब जुटा है, जब अकेले बिहार में ही कराए गए एसआईआर के दौरान सात लाख मतदाता ऐसे पाए गए थे जिनके नाम मतदाता सूची में दो जगहों से दर्ज थे। वहीं करीब 35 लाख मतदाता एक जगह से दूसरी जगहों को स्थानांतरित भी पाए गए।
मतदाता सूची का सारा डाटा नए सिरे से अपडेट
आयोग सूत्रों की मानें तो एसआईआर के बाद मतदाता सूची का सारा डाटा नए सिरे से अपडेट हो गया है। इनमें नाम, फोटा, उम्र , मोबाइल नंबर व यूनिक ईपिक नंबर आदि शामिल है। ऐसे में जैसे ही मतदाता सूची में नाम जुड़वाने के लिए कोई आवेदन करेगा तो उस नाम की इंट्री करते ही उससे संबंधित या उससे मिलते-जुलते सारे नाम सामने आ जाएंगे जिससे उनकी पहचान करना आसान होगा। इससे शिफ्ट होने वाले मतदाताओं की भी पहचान हो जाएगा।UN General Assembly, un, New York news, President Trump, us news, world news, president donald trump, trump news, राष्ट्रपति ट्रंप
आयोग ने यह कदम इसलिए उठाया है क्योंकि देश में दो जगहों से नाम रखने का चलन काफी है। इनमें तकनीक की मदद ली जाएगी। आयोग इसके साथ ही मतदाता सूची को पारदर्शी बनाने की दिशा में एक बड़ी पहल पहले ही कर चुका है, जिसमें सभी राज्यों के जन्म व मृत्यु पंजीयन दफ्तरों को चुनाव आयोग के साथ लिंक करने की पहल है।
ताकि समय रहते मृत मतदाताओं की पहचान कर उन्हें जांच कर मतदाता सूची से बाहर किया जा सके। बिहार में एसआईआर के दौरान करीब 25 लाख मृत मतदाता पाए गए थे। आयोग इसे लेकर देश भर के सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों से पहले ही चर्चा कर चुका है। माना जा रहा है कि इस पहल से मतदाता सूची का अपडेशन आसान होगा।
यह भी पढ़ें- Voter Roll Revision: अब पूरे देश में होगा SIR, चुनाव आयोग ने अधिकारियों को दी 30 सितंबर की तारीख |