Vinayak Chaturthi 2025: विनायक चतुर्थी का धार्मिक महत्व
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में चतुर्थी तिथि का खास महत्व है। यह दिन भगवान गणेश को समर्पित होता है। इस शुभ अवसर पर भगवान गणेश की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही विशेष काम में सफलता पाने के लिए चतुर्थी का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
सनातन शास्त्रों में निहित है कि भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को छोड़कर अन्य सभी तिथि पर चंद्र दर्शन करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी प्रकार के दुख और संकट दूर हो जाते हैं। आइए, गणेश चतुर्थी की सही तिथि और शुभ मुहूर्त जानते हैं-
कब मनाई जाएगी विनायक चतुर्थी?
वैदिक पंचांग की गणना अनुसार, आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी की शुरुआत 25 सितंबर को सुबह 07 बजकर 06 मिनट पर हो रही है। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। हालांकि, चतुर्थी तिथि पर चंद्र दर्शन भी जरूरी है। अतः चतुर्थी तिथि के चंद्र समय का भी ध्यान रखा जाता है। वहीं, आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी का समापन 26 सितंबर को सुबह 09 बजकर 33 मिनट पर होगा। इस प्रकार 25 सितंबर को आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की विनायक चतुर्थी मनाई जाएगी।
पूजा विधि
विनायक चतुर्थी के दिन सूर्योदय से पहले उठें। इस समय भगवान गणेश को प्रणाम कर दिन की शुरुआत करें। अब घर की साफ-सफाई करें और गंगाजल छिड़ककर शुद्ध करें। दैनिक कामों से निपटने के बाद गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें। अब जल में हथेली लेकर आचमन करें। अब पीले रंग का वस्त्र धारण करें और सूर्य देव को जल का अर्घ्य दें। तदोउपरांत, पूजा घर में चौकी पर पाले रंग का वस्त्र बिछाकर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें। इस समय निम्न मंत्र का उच्चारण कर भगवान गणेश का आह्वान करें-
diy hair mask,hair growth,hair growth tips,hair mask,diy hair mask for damaged hair,hair mask for hair growth,diy hair mask for frizzy hair,hair growth oil for fast hair growth,diy hair masks for fast hair growth,egg hair mask,diy hair mask for growth,hair mask for dry hair,diy hair masks for oily hair,homemade hair mask,diy hair mask for shiny hairs,diy hair masks for curly hair,hair care,egg hair mask for hair growth,best egg hair mask for hair growth
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
इसके बाद पंचोपचार कर भक्ति भाव से भगवान गणेश की पूजा करें। पूजा के समय भगवान गणेश को मोदक और दूर्वा अवश्य भेंट करें। इस समय गणेश चालीसा का पाठ और गणेश मंत्र का जप करें। पूजा का समापन गणेश जी की आरती से करें। दिनभर उपवास रखें। संध्याकाल में चंद्र पूजा कर फलाहार करें।
पंचांग
- सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 10 मिनट पर
- सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 14 मिनट पर
- चन्द्रोदय- सुबह 08 बजकर 58 मिनट पर
- चन्द्रास्त- रात 08 बजकर 08 मिनट पर
- ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 35 मिनट से 05 बजकर 22 मिनट तक
- विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 12 मिनट से 03 बजकर 01 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 14 मिनट से 06 बजकर 38 मिनट तक
- निशिता मुहूर्त - रात 11 बजकर 48 मिनट से 12 बजकर 36 मिनट तक
यह भी पढ़ें- Vinayaka Chaturthi 2025: शारदीय नवरात्र में कब है विनायक चतुर्थी? नोट करें शुभ मुहूर्त और योग
यह भी पढ़ें- Vinayak Chaturthi 2025: जीवन की हर परेशानी को दूर करने के लिए करें इन मंत्रों का जप
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है। |