डेढ़ माह के न्यूनतम स्तर पर पहुंचा गंगा का जलस्तर।
संवाद सहयोगी, गढ़मुक्तेश्वर (हापुड़)। हापुड़ में खादर के गांवों में करीब डेढ़ माह तक रौद्र रूप दिखाने के बाद गंगा अब अपने पुराने स्वरूप की तरफ जाने लगी है। इससे गंगा की तलहटी में बसे लोगों को काफी राहत मिलनी शुरू हो गई है। हालांकि, डेढ़ माह तक बाढ़ के कारण स्थानीय लोगों को काफी नुकसान हुआ है। वहीं कच्चे घाट पर भी स्नान का कार्य शुरू हो गया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
गढ़मुक्तेश्वर गंगा खादर क्षेत्र के करीब एक दर्जन से अधिक गांवों में 40 हजार से अधिक आबादी रहती है। यहां रहने वाले 90 प्रतिशत लोगों का रोजगार खेती, पशु पालन अथवा कामगारी है। करीब 12 वर्ष बाद सात अगस्त को गंगा ने अपना रौद्र रूप दिखाया तो यहां के लोगों के सामने भारी मुसीबत खड़ी हो गई। करीब दो हजार बीघा से अधिक जमीन गंगा में कटान के कारण बह गई तो वहीं जलभराव के कारण सैकड़ों बीघा जमीन में खड़ी फसल भी नष्ट हो गई। इससे किसानों को कई करोड़ रुपये का नुकसान हो गया।
क्षेत्र में रहने वाले वृद्ध लोगों का कहना है कि उनके होश में पहली बार इतने दिनों तक गंगा का जलस्तर रहा, वरना प्रत्येक वर्ष दो से तीन दिनों में गंगा का जलस्तर कम होने लगता था। इस बार बाढ़ ने किसानों के सपनों को तोड़ दिया है। हालांकि पिछले दस दिनों से गंगा के जलस्तर में लगातार गिरावट आ रही है, जिसके कारण लोगों ने राहत की सांस ली है।
इस वर्ष गंगा का जलस्तर सात अगस्त को खतरा बिंदू 199.33 को पार करके 199.57 सेंटीमीटर तक पहुंच गया था, जिसके कारण एक दर्जन से अधिक गांवों में जलभराव हो गया था। करीब डेढ़ माह तक चार बार जलस्तर में उतार चढ़ाव देखा गया है।patna-city-education,Bihar news, Patna news, IIT Patna news, IIT Patna professors, scientists news, professors news, top scientists list, Stanford University ranking, research publication, Indian Institute of Technology Patna,Bihar news
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वर्तमान में गंगा का जलस्तर 198.09 पर आ गया है। ऐसे में यहां के लोगों को काफी राहत मिली है। कच्चा घाट पर नाव आदि का कार्य करने वाले धर्मपाल निषाद ने बताया कि बाढ़ के कारण काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था। जलस्तर कम होने के बाद डेढ़ माह से बंद लठीरा के कच्चा घाट पर भी स्नान आदि का कार्य शुरू हो गया है।
गंगा का जलस्तर लगातार तेजी से नीचे जा रहा है। इससे लाेगों को काफी राहत मिली है। लोगों की दिनचर्या पुराने ढर्रे पर वापस आने लगी है। बावजूद इसके प्रशासन लगातार निगाह बनाए हुए है। - श्रीराम यादव, एसडीएम |