राज्य ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने वर्ष 2025 के अंतिम दिन बुधवार को प्रदेश के नए बिजली उपभोक्ताओं को राहत दी है। बिजली कनेक्शन लेने की प्रक्रिया आसान करने के साथ ही कनेक्शन लागत कम किए जाने, स्मार्ट प्रीपेड मीटर की दरें कम कर दी हैं। आयोग द्वारा जारी नई कास्ट डाटा बुक-2025 में उपभोक्ताओं के हित में कई बड़े निर्णय लिए गए हैं। आयोग ने उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन की नई दरों के लिहाज से 12 जनवरी तक साफ्टवेयर में बदलाव करने का आदेश दिया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
नई कास्ट डाटा बुक में आयोग ने उपभोक्ताओं को विद्युत आपूर्ति के लिए विभिन्न शुल्कों (प्रोसेसिंग फीस, सुरक्षा जमा, सप्लाई अफोर्डिंग चार्ज, सामग्री लागत, स्मार्ट मीटर लागत आदि) की दरें निर्धारित किया है। अब 300 मीटर तक दूरी और 150 किलोवाट तक लोड के लिए नए कनेक्शन (निजी नलकूप को छोड़कर) के लिए कोई इस्टीमेट तैयार करने की आवश्यकता नहीं होगी। अब तक 40 मीटर से अधिक दूरी पर सभी कनेक्शन पर इस्टीमेट बनाए जाते थे। इसमें निश्चित सप्लाई अफोर्डिंग चार्ज लागू किए गए हैं, जिससे इस्टीमेट तैयार करने का विवेकाधिकार समाप्त होगा और उपभोक्ताओं को नए कनेक्शन तेजी से मिल सकेंगे।
किसान अब स्वतंत्र थ्री-फेज 16 केवीए ट्रांसफार्मर या सिंगल फेज 10 केवीए ट्रांसफार्मर के माध्यम से आपूर्ति प्राप्त कर सकेंगे। लाइफलाइन उपभोक्ताओं को (100 मीटर तक की दूरी के लिए) आपूर्ति वहन शुल्क (सप्लाई अफोर्डिंग चार्ज ) का भुगतान आंशिक रूप से 500 रुपये के अग्रिम भुगतान के माध्यम से और शेष राशि को कनेक्शन की तिथि से 12 महीनों तक बिजली के बिल में रुपये 45 की समान मासिक किस्तों के माध्यम से भुगतान करने का विकल्प दिया गया है।
आयोग ने प्रोसेसिंग शुल्क और सुरक्षा जमा (सिक्योरिटी डिपाजिट) को संशोधित किया है। लाइफलाइन उपभोक्ताओं के लिए शून्य सुरक्षा जमा का प्रविधान किया है। स्मार्ट मीटरों की लागत सभी श्रेणियों के उपभोक्ताओं के लिए निर्धारित की गई है। सिंगल फेज स्मार्ट मीटर की कीमत अब सिर्फ 2800 रुपये और थ्री-फेज स्मार्ट मीटर की कीमत रुपये 4100 तय की गई है। अभी तक पावर कारपोरेशन सिंगल फेज मीटर के लिए 6016 रुपये और थ्री-फेज मीटर के लिए 11342 की वसूली कर रहा था।
एडवांस्ड मीटरिंग इंफ्रास्ट्रक्बर (एएमआइ) के विकास एवं संचालन से संबंधित लागत नए उपभोक्ताओं से वसूल नहीं की जाएगी, क्योंकि इसका प्रविधान पहले से ही आरडीएसएस में किया जा चुका है।
सिंगल फेज कनेक्शन के नए आवेदकों को मीटर लागत रुपये 2800 का भुगतान दो भागों में करने का विकल्प दिया गया है। आवेदन के समय 1000 रुपये तथा शेष राशि 24 समान मासिक किस्तों में 84 रुपये प्रति माह के हिसाब से करना होगा, इसमें ब्याज जुड़ेगा। ब्याज से बचने हेतु पूर्ण भुगतान का विकल्प भी उपलब्ध है।
एक ही 25 केवीए ट्रांसफार्मर से कनेक्शन प्राप्त करने वाले निजी नलकूप उपभोक्ताओं द्वारा देय रूपांतरण की साझा लागत ( शेयर्ड कास्ट आफ ट्रांसफार्मेशन) को प्रस्तावित 50 प्रतिशत के स्थान पर 33.3 प्रतिशत पर ही बरकरार रखा गया है।
स्वतंत्र थ्री-फेज 16 केवीए ट्रांसफार्मर सिंगल फेज 10 केवीए ट्रांसफार्मर के माध्यम से कनेक्शन लेने के इच्छुक निजी नलकूप उपभोक्ताओं के लिए लागत स्वीकृत की गई है। अपवाद स्वरूप परिस्थितियों को छोड़कर, 50 किलोवाट (56 केवीए) तक के कनेक्शन के लिए आर्मड सर्विस केबल की व्यवस्था उपभोक्ताओं द्वारा की जानी है।
20 लाख रुपये से अधिक की सुरक्षा राशि के भुगतान के लिए उपभोक्ताओं को बैंक गारंटी/ई-बैंक गारंटी के माध्यम से भी भुगतान का विकल्प दिया गया है। नवबंर 2025 के टैरिफ आदेश के प्रावधान के अनुरुप तीन किलोवाट और चार किलोवाट भार के लिए थ्री-फेज कनेक्शन का शेड्यूल अध्याय-पांच-ए मीटरिंग शुल्क और आपूर्ति वहन शुल्क में जोड़ा गया है।
अविकसित गैर-विद्युतीकृत कालोनियों के निवासियों को केवल मीटरिंग शुल्क का भुगतान करना होगा, क्योंकि बुनियादी ढांचे की लागत को पहले से ही प्रति वर्ग फुट विकास शुल्क के माध्यम से वसूलने का प्रविधान किया गया है। बहुमंजिली भवनों में मल्टी-प्वाइंट कनेक्शनों के लिए भी समान व्यवस्था दी गई है।
सप्लाई कोड, 2005 के 13वें संशोधन के प्रविधान के अनुरूप 11केवी वोल्टेज पर जारी किए जा सकने वाले लोड की सीमा को तीन-एमवीए से बढ़ाकर चार एमवीए कर दिया गया है। यह कास्ट डाटा बुक जारी होने की तिथि से दो वर्षों तक मान्य रहेगी। इसकी वैधता के दूसरे वर्ष के लिए केवल सामग्री दरों (मीटर को छोड़कर) पर पिछले 12 महीनों के डब्ल्यूपीआइ में परिवर्तन के बराबर प्रतिशत में वृद्धि की अनुमति दी गई है। नए उपभोक्ताओं से स्मार्ट मीटर के मद में इन स्वीकृत दरों से अतिरिक्त वसूल की गई राशि के निपटान के लिए आयोग द्वारा पृथक से आदेश पारित किया जाएगा। |