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Year Ender 2025 : उत्तराखंड में राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने खोले बदलाव के द्वार

Chikheang Half hour(s) ago views 614
  

सांकेतिक तस्वीर।



अशोक केडियाल जागरण देहरादून: उत्तराखंड राज्य ने शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियों प्राप्त की हैं। अब आगे उम्मीद है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी-2020) के प्रविधानों का सही ढंग से क्रियान्वयन हो तो राज्य की शिक्षा में बड़े बदलाव आएंगे। शिक्षा गुणवत्ता के दम पर राज्य के युवाओं को रोजगार के अवसर सृजित होंगे और राज्य राष्ट्रीय रैंकिंग में लंबी छलांग लगा सकेगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

राज्य गठन के समय सीमित संसाधन, दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियां, विद्यालयों तक पहुंच की समस्या और ड्राप आउट जैसी चुनौतियां का राज्य ने सामना किया। आज राज्य सरकार और केंद्र सरकार के संयुक्त प्रयासों से शिक्षा व्यवस्था में व्यापक सुधार हुआ है। स्कूल शिक्षा, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में राज्य ने नये सोपान स्थापित किए हैं।

राज्य के दुर्गम इलाकों तक स्कूली शिक्षा पहुंचाने के लिए नये विद्यालय खोले गए और शिक्षकों के प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिया गया। इससे विद्यार्थियों का नामांकन अनुपात बढ़ा एवं परीक्षा परिणामों में भी उल्लेखनीय सुधार हुआ।

आज उत्तराखंड शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय औसत से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है और देश के लिए एक माडल राज्य के रूप में उभरा है। शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह ने कहा कि उत्तराखंड में शिक्षा में बड़ा बदलाव एनईपी-2020 के तहत किया जा रहा है। जल्द ही इसके परिणाम भी दिखाई देंगे।
शिक्षा को आध्यात्म से जोड़कर ‘ज्ञानपथ’ तैयार किया

उत्तराखंड राज्य ने शिक्षा को आध्यात्मिकता से जोड़कर देश की पुरातन शिक्षा पद्धति को पुनर्जीवित करने की दिशा में उल्लेखनीय कदम उठाया है। इस पहल से न केवल भारतीय ज्ञान परंपरा को पुनः आरंभ करने का गौरव प्राप्त हुआ है, बल्कि राज्य ने आधुनिक शिक्षा व्यवस्था में भी गुणात्मक सुधार किया है। दून विवि का हिंदी अध्ययन केंद्र इसका उदाहरण है।
बजट 665 करोड़ से बढ़ाकर 11,401 करोड़ किया

राज्य गठन के समय स्कूल शिक्षा का बजट मात्र 665 करोड़ था जो आज बढ़कर 11,401 करोड़ पहुंच गया है। इस अवधि में प्रारंभिक शिक्षा का बजट 342 करोड़ रुपये से बढ़कर 4384 करोड़ और माध्यमिक शिक्षा का बजट 323 करोड़ से बढ़कर 7017 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
1340 विद्यालयों में डिजिटल लर्निंग सुविधा

राज्य में सरकारी विद्यालयों में डिजिटल एवं आनलाइन लर्निंग सुविधा के लिए माध्यमिक स्तर पर 1340 विद्यालयों में वर्चुअल माध्यम से लाइव कक्षा कक्ष से शिक्षण कार्य किया जा रहा है जो यू-ट्यूब पर भी उपलब्ध है ताकि छात्र अवकाश के दिन घर से भी इसका लाभ ले सकें।

राज्य में वर्चुअल प्रसारण के लिए छह स्टूडियो स्थापित किए गए हैं। राज्य में 1051 विद्यालयों में स्मार्ट कक्षाएं स्थापित की गई हैं वर्ष 2026 में 1492 नई स्मार्ट कक्षाएं स्थापित की जाएंगी।
ऐसे तैयार हुआ शिक्षा प्रसार का रोडमेप

उत्तराखंड की 97 प्रतिशत बस्तियों में एक किलोमीटर की परिधि में प्राथमिक विद्यालय, 98 प्रतिशत बस्तियों में तीन किमी के दायरे में उच्च प्राथमिक विद्यालय, 92 प्रतिशत बस्तियों में पांच किमी पर हाईस्कूल और 94 प्रतिशत बस्तियों में सात किमी पर इंटर कालेज की सुविधा उपलब्ध है।

आज उच्च प्राथमिक स्तर पर सकल नामांकन अनुपात 80 प्रतिशत से बढ़कर 104 प्रतिशत और माध्यमिक स्तर पर 56 प्रतिशत से बढ़कर 93 प्रतिशत हो गया है।
हाईस्कूल बोर्ड में पास दर 32 से 90 प्रतिशत पहुंची

राज्य गठन के समय हाईस्कूल परीक्षा में विद्यार्थियों का उत्तीर्ण प्रतिशत मात्र 32.6 प्रतिशत था,जो अब बढ़कर 90.8 प्रतिशत हो गया है।

यह सफलता विद्यालयों की बेहतर पहुंच, जनजागरूकता, संसाधनों की उपलब्धता और शिक्षकों के निरंतर प्रशिक्षण का परिणाम है। राज्य के विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय स्तर पर भी उत्कृष्ट प्रदर्शन कर उत्तराखंड को शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी बनाया है।
इन सुधारों से निकलेगी गुणवत्ता शिक्षा की राह

  • राज्य में स्कूल शिक्षकों की नियुक्ति / पदोन्नति के लिए राष्ट्रीय व्यावसायिक मानकों के अनुरूप राज्य शिक्षक व्यावसायिक मानकों का निर्धारण।
  • विद्यालयों की ओर से यू-डायस पोर्टल पर अपलोड किए गए आंकड़ों की जांच के लिए समय-समय पर पांच प्रतिशत विद्यालयों का सत्यापन।
  • जनपद एवं विकासखंड स्तरीय शिक्षा अधिकारियों के लिए शैक्षिक नेतृत्व एवं प्रबंधन पर साहित्य विकसित करना तथा सतत प्रशिक्षण।
  • नव नियुक्त उप शिक्षा अधिकारियों का आधारभूत प्रशिक्षण समय-समय पर आयोजित करना।
  • राज्य के 226 पीएम-श्री 186 अटल उत्कृष्ट विद्यालयों के प्रधानाध्यापक / प्रधानाचार्य का प्रशिक्षण।
  • माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापक / प्रधानाचार्य का समय-समय पर प्रशिक्षण।
  • कार्यालय प्रबंधन एवं वित्तीय प्रबंधन पर लिपिकीय (मिनिस्टीरियल) संवर्गीय कर्मचारियों का प्रशिक्षण
  • राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के समन्वय से मलिन बस्तियों के विद्यार्थियों के लिए प्रत्येक वर्ष मई-जून में समर कैंप का आयोजन।

45 विश्वविद्यालय में 27 देशों के विद्यार्थी

स्कूली शिक्षा ही नहीं उच्च शिक्षा में भी उत्तराखंड ने लंबी छलांग लगाई है। आज राज्य में राजकीय एवं निजी 45 विश्वविद्यालय हैं जिसमें देशभर के छात्रों के अलावा 27 अन्य देशों के छात्र-छात्राएं उच्च शिक्षा में अध्ययन और शोध कार्य में जुटे हैं।

साइबर सिक्योरिटी, मशीन लर्निंग, डेटा ऐलेलेसिस, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, ड्रेन टेक्नोलाजी, क्लाउड कंप्यूटिंग से अत्याधुनिक पाठ्यक्रम राज्य के विवि में हैं। 377 महाविद्यालयों में 4.72 लाख विद्यार्थी पारंपरिक और तकनीकी उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।
यह हैं शिक्षा के क्षेत्र में चुनौतियां

  • गुणवत्ता शिक्षा पर विशेष ध्यान देना होगा, ताकि सरकारी स्कूलों में छात्र संख्या कम न हो।
  • सरकारी विद्यालयों में बुनियादी संसाधनों को शत प्रतिशत उपलब्ध करना
  • सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पदों को समय पर भरना होगा
  • निजी स्कूलों व कालेजों की मनमानी को रोकना सरकार के लिए बड़ी चुनौती
  • पर्वतीय जनपदों की शिक्षा व्यवस्था को हाइटेक बनाना, ताकि शिक्षा के लिए पलायन थम।


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