बारामुला के मछुआरे नजीर अहमद लाटू ने उस दिन भी रोज की तरह मछली पकड़ने के लिए अपना जाल झेलम नदी में डाला। उस वक्त उसे अंदाजा भी नहीं रहा होगा कि उसे आज झेलम नदी क्या देने वाली है। जाल भारी महसूस होने पर उसने बड़ी या ढेर सारी मछलियां फंसने की बात को सोच कर जाल खींच लिया। मगर, जाल को देखकर उसके होश तब उड़ गए जब मछलियों की जगह उसमें मूर्तीनुमा चीज नजर आई। नजदीक से देखने पर यह उसे किसी हिंदू देवी-देवता की मूर्ति लगी।
यह घटना जम्मू कश्मीर के बारामूला में गुरुवार को नजीर अहमद लाटू के साथ हुई। बारामुला के जोगियार इलाके में झेलम दरिया में गुलाम मोहम्मद लाटू का बेटा नजीर मछली पकड़ रहा था। बारामुला से आगे उड़ी के रास्ते में शीरी के पास झेलम दरिया में जब मछली पकड़ने के लिए उसने जाल फेंका तो वहां उसे मूर्ति मिली। इसे मां दुर्गा की प्राचीन मूर्ति बताया जा रहा है। बारामूला पुलिस ने इस मूर्ति को संरक्षण के लिए संबंधित विभाग को भेज दिया है।
पुलिस के अनुसार बारामूला के शालटेंग-जोग्यार के रहने वाला नजीर ने झेलम से मूर्ति मिलने पर स्थानीय पुलिस स्टेशन शेरी को सूचित किया कि उसे झेलम नदी में मछली पकड़ते समय एक पत्थर की मूर्ति मिली है। मूर्ति को पुलिस स्टेशन शेरी में सुरक्षित रखा गया। इसके बाद 26 दिसंबर 2025 को जम्मू कश्मीर के अभिलेखागार, पुरातत्व और संग्रहालय निदेशालय के उचित प्रक्रिया और आधिकारिक निर्देशों का पालन करते हुए सौंप दिया गया। जांच में पता चला है यह पत्थर की मूर्ति देवी दुर्गा की है।
मां दुर्गा की मूर्ती को सही-सलामत पुलिस को सौंपने पर मछुआरे की तारीफ हो रही है। वहीं, राज्य की पुलिस ने लोगों से अपील की है कि ऐतिहासिक या पुरातात्विक महत्व की ऐसी किसी भी खोज के बारे में अधिकारियों को तुरंत सूचित करें। पुलिस ने कहा है कि उसे उम्मीद है कि लोग इसमें अपनी भूमिका को निभाएंगे और सहयोग देंगे।
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