अब एक नया नाम तेजी से उभर रहा है। जिसका नाम रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) है।  
 
  
 
  
 
नई दिल्ली। जब भी भारत में बुनियादी ढांचे (Infrastructure) की बात होती है, Larsen & Toubro (L&T) का नाम सबसे पहले आता है। एयरपोर्ट्स से लेकर मेट्रो, रिफाइनरी से लेकर बंदरगाह तक, हर बड़े प्रोजेक्ट में L&T की मौजूदगी रही है। एक समय पर मिड-साइज अहम कॉन्टैक्ट में अव्वल रही यह कंपनी अब देश की इंजीनियरिंग रीढ़ बन चुकी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
लेकिन अब एक नया नाम तेजी से उभर रहा है। जिसका नाम रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) है। अब कई लोग पूछने लगे हैं कि क्या RVNL भारत का अगला L&T बन रहा है?  
 
  
पहले सिर्फ रेलवे का हाथ, अब पूरा मार्केट टारगेट  
 
RVNL एक समय भारतीय रेलवे के लिए एक साइलेंट एग्जीक्यूटर थी। मंत्रालय जो काम सौंपता, वही करती। लेकिन बीते कुछ सालों में कंपनी ने पूरी सोच बदल दी है।  
 
अब RVNL खुली निविदाओं या टेंडर में हिस्सा ले रही है, प्राइवेट कंपनियों के साथ साझेदारी कर रही है और सड़क, मेट्रो, टेलीकॉम और पोर्ट सेक्टर में भी अपने कदम जमा रही है।  
 
आज इसकी ऑर्डर बुक ₹1 लाख करोड़ को पार कर चुकी है। यह इसकी मौजूदा कमाई का लगभग 4 गुना है।  
 
  
तेजी से बढ़ी, लेकिन अनुशासन के साथ  
 
RVNL की सबसे बड़ी खासियत यह रही है कि उसने तेजी से ग्रोथ की है, लेकिन खर्चों पर काबू बनाए रखा है। कंपनी के ऑपरेटिंग मार्जिन्स 5–6% के बीच स्थिर रहे हैं। भले ही ये L&T के 13% मार्जिन्स से कम हों, लेकिन एक सरकारी EPC कंपनी के लिए यह प्रदर्शन काफी मजबूत माना जा रहा है।  
 
आने वाले समय में Vande Bharat स्लीपर ट्रेन प्रोजेक्ट और मेट्रो, सोलर व इंटरनेशनल EPC प्रोजेक्ट्स से मार्जिन्स और भी बेहतर हो सकते हैं।  
 
  
बड़े और जटिल प्रोजेक्ट्स को भी मैनेज कर रही है RVNL  
 
आज RVNL सिर्फ ट्रैक डबलिंग या इलेक्ट्रिफिकेशन नहीं, बल्कि बड़े शहरों में मेट्रो, मल्टी-मोडल कॉरिडोर और स्मार्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को भी खुद डिजाइन और मैनेज कर रही है।  
 
कंपनी ने डिजिटल टूल्स और डिसेंट्रलाइज़्ड प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग सिस्टम के जरिए बड़ी कुशलता से बढ़ती जटिलताओं को संभाला है, वो भी बिना किसी भारी-भरकम बुनियादी ढांचे के।  
 
  
L&T जैसा सफर, लेकिन तेज रफ्तार में  
 
RVNL और L&T की कहानियों में कई समानताएं हैं। दोनों ने बुनियादी ढांचे के एक छोटे से सेक्टर से शुरुआत की और फिर धीरे-धीरे पूरे देश के निर्माण का हिस्सा बन गए।  
 
लेकिन RVNL वही सफर बेहद तेज रफ्तार में तय कर रही है। यह सोलर EPC, रोलिंग स्टॉक मेंटेनेंस, न्यूक्लियर प्रोजेक्ट्स (जैसे रूस की रोसाटॉम के साथ पार्टनरशिप) और विदेशी प्रोजेक्ट्स तक में हिस्सा लेने लगी है।  
 
  
 
इस साल RVNL ₹30,000-₹35,000 करोड़ के इंटरनेशनल टेंडर्स में हिस्सा लेने की योजना बना रही है, जिसमें 15–20% की जीत की उम्मीद है। अभी इसका इंटरनेशनल ऑर्डर बुक ₹4,000 करोड़ है, जो आने वाले वर्षों में तेजी से बढ़ सकता है।  
हाल की सुस्ती: वजह अस्थायी, भविष्य उज्ज्वल  
 
हाल के तिमाही आंकड़े (Q1 FY26) कुछ कमजोर रहे। मार्जिन्स गिरकर 1.4% रह गए, जबकि पिछले साल इसी तिमाही में 4.5% थे।  
 
  
 
लेकिन इसकी वजह प्रोजेक्ट्स की शुरुआत में देरी, सीज़नलिटी और लो-मार्जिन वाले पैकेज रहे। बड़े प्रोजेक्ट्स जैसे Vande Bharat ट्रेन और मेट्रो प्रोजेक्ट्स अभी पूरी रफ्तार नहीं पकड़ पाए हैं।  
 
मैनेजमेंट का मानना है कि FY26 की दूसरी छमाही से राजस्व और मार्जिन्स में सुधार दिखने लगेगा।  
RVNL की मजबूती पर दांव लगा रहे हैं निवेशक  
 
स्टॉक मार्केट RVNL के इस बदलाव पर पूरी नजर रखे हुए है। शेयर पहले ही मल्टीबैगर बन चुका है और अब यह लगभग 60x ट्रेलिंग अर्निंग्स और 7.5x बुक वैल्यू पर ट्रेड कर रहा है।  
 
  
 
हालांकि वैल्यूएशन महंगा लगता है, लेकिन इसकी वजह भी है। ऑर्डर बुक मजबूत है, ग्रोथ क्लियर है और डाइवर्सिफिकेशन जारी है।  
 
 
 
RVNL शेयर प्राइस  
 
रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL Share Price) शुक्रवार, 3 अक्टूबर को ₹347.20 पर बंद हुआ। यह पिछले बंद भाव ₹344.40 से 0.81% की बढ़ोतरी है। शेयर ₹344.25 पर खुला और दिन के दौरान ₹347.70 के उच्चतम और ₹342.50 के निम्नतम स्तर तक बनाया।  
 
  
 
शेयर का वर्तमान मूल्य अपने 52-सप्ताह के उच्चतम स्तर ₹518.45 से नीचे है, लेकिन अपने 52-सप्ताह के निम्नतम स्तर ₹301.6 से काफी ऊपर है। इस शेयर ने पिछले 3 साल में 866.71% और पिछले 5 साल में 1693.54% का मल्टीबैगर रिटर्न रिटर्न दिया है। इसका मार्केट कैप BSE के मुताबिक अभी 72,360 करोड़ रुपये है।  
 
  
लार्सन एंड टुब्रो (LT) शेयर प्राइस  
 
लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड (LT Share Price) का शेयर शुक्रवार, 3 अक्टूबर, 2025 को ₹3,742.90 पर बंद हुआ। यह पिछले दिन के ₹3,670.30 के बंद भाव से 1.98% की बढ़ोतरी को दिखाता है। इसका मार्केट अभी BSE के मुताबिक अभी ₹5,13,405 करोड़ है। 52-सप्ताह का उच्चतम/निम्नतम क्रमशः ₹3,963.50 / ₹2,965.30 है।  
 
यह भी पढ़े: टाटा मोटर्स शेयर में जोरदार उछाल, डीमर्जर रिकॉर्ड डेट और गजब की बिक्री घोषणा का दिखा असर; अभी कितना भागेंगे |