सिकंदरा विधायक को राजद की ओर से मिला था 10 करोड़ से अधिक का आफर
संवाद सहयोगी, जमुई। सिकंदरा सुरक्षित सीट को लेकर दावे प्रति दावे के बीच विधायक प्रफुल्ल कुमार मांझी ने बड़ा रहस्योद्घाटन किया है। उन्होंने आज उस राज से पर्दा हटा दिया है, जिसको लेकर तकरीबन डेढ़ साल पहले 10 से 12 फरवरी 2024 के बीच पटना के राजनीतिक गलियारों में हलचल मची थी और अभी भी आर्थिक अपराध इकाई की जांच चल रही है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
बकौल विधायक उन्हें विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी के पक्ष में मतदान के लिए दो, चार, आठ करोड़ नहीं, बल्कि इतनी राशि का प्रलोभन मिला था जिसकी वह कल्पना नहीं कर सकते थे।
एग्जेक्ट राशि के संदर्भ में उन्होंने कहा कि इतना ही जान लीजिए कि करोड़ की संख्या दो अंको में थी। अर्थात मुख्य विपक्षी दल की ओर से पाला बदलने के लिए 10 करोड़ रुपये से अधिक का प्रलोभन मिला था। हालांकि, प्रलोभन से पहले उन्हें भय भी दिखाया गया। फिर प्यार और मनुहार की बातें हुई और आखिर में नेता विपक्ष के लोग सौदा पर उतर आए।
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इसे उन्होंने न सिर्फ ठुकराया, बल्कि अपने नेता जीतन राम मांझी को अवगत भी कराया। विधायक ने पाला बदलने का प्रस्ताव लेकर आने वाले का नाम तो उजागर नहीं किया, लेकिन इतना जरूर कहा कि वह सभी नेता विपक्ष के लोग थे। यह रहस्योद्घाटन विधायक ने मंगलवार को मुखिया भावना सिंह के जमुई स्थित आवास पर दैनिक जागरण से बातचीत के दौरान किया है।
\“चिराग से ज्यादा भरोसेमंद हैं जीतन राम मांझी\“
विधायक ने लोजपा की ओर से सिकंदरा सीट पर दावेदारी को लेकर भी बड़ी बात कही है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित एनडीए नेताओं की नजर में लोजपा नेता चिराग पासवान की तुलना में जीतन राम मांझी ज्यादा भरोसेमंद हैं। इसे उन्होंने कई बार साबित भी किया है। लिहाजा जीती हुई सीट पर किसी प्रकार की दावेदारी उनकी नजर में दावेदारी भर है।
गठबंधन के सभी घटक के शीर्ष नेतृत्व जब सीट शेयरिंग की चर्चा करने बैठेंगे तो यह दावेदारी की चर्चा स्वत: समाप्त हो जाएगी। वैसे विधायक ने यह स्पष्ट किया कि उनके नेता जीतन राम मांझी का आदेश उनके लिए सर्वमान्य होगा। यहां यह बताना लाजिमी है कि सिकंदरा सीट को लेकर पटना के राजनीतिक गलियारों में सरगर्मी बढ़ गई है। खासकर सांसद अरुण भारती की दावेदारी के बाद मंत्री जीतन राम मांझी का बयान महत्वपूर्ण हो गया है।
मांझी ने कहा है कि विपक्ष द्वारा प्रलोभन तथा भय दिए जाने के बाद भी सिकंदरा विधायक का नहीं झुकना उनके त्याग और पार्टी तथा गठबंधन के प्रति समर्पण का परिचायक है। यही वजह है कि उनकी सीट पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता है।
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