रांची की समस्याओं के निदान के लिए लिए अदालत ने एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने रांची की हालत पर चिंता जताते हुए सरकार व संबंधित विभागों को ठोस कदम उठाने का निर्देश दिया है। सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि रांची की विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए सभी हितधारकों को एक मंच पर लाना आवश्यक है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इसके लिए अदालत ने एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है। हाई कोर्ट ने आदेश दिया है कि समिति की पहली बैठक दस दिसंबर शाम पांच बजे महाधिवक्ता राजीव रंजन के कार्यालय में आयोजित की जाए। अदालत ने अपेक्षा जताई कि समिति के सभी सदस्य बैठक में स्वयं उपस्थित रहेंगे। अगर बैठक में कोई सदस्य उपस्थित नहीं होते हैं तो इस स्थिति में वर्चुअल उपस्थिति की अनुमति दी गई है।
झारखंड हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन ने दाखिल की है जनहित याचिका
मामले की अगली सुनवाई 12 दिसंबर को निर्धारित की गई है। अदालत की ओर से गठित उच्च स्तरीय समिति की अध्यक्षता महाधिवक्ता राजीव रंजन करेंगे। समिति में राज्य के मुख्य सचिव, झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के एमडी, डीजीपी, शहरी विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव, ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव, रांची स्मार्ट सिटी कारपोरेशन के चेयरमैन सह एमडी, नगर आयुक्त रांची, उपायुक्त रांची, एसएसपी रांची, ट्रैफिक एसपी, अतिरिक्त सालिसिटर जनरल और हाई कोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष व सचिव सदस्य होंगे।
यह जनहित याचिका झारखंड हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन ने दाखिल की है। इसमें रांची शहर की सफाई, यातायात, बिजली व्यवस्था, जलापूर्ति और अन्य जन मुद्दों पर उचित कार्रवाई की मांग की गई है। अदालत ने स्पष्ट किया कि रांची की व्यवस्था सुधारना सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। समिति एसोसिएशन की ओर से उठाए गए मुद्दों के समाधान पर विचार-विमर्श करेगी ताकि राजधानी की हालत को सुधारा जा सके। |