गुरुग्राम-फरुखनगर स्थित सुल्तानपुर नेशनल पार्क में पहुंचे पक्षी।
महावीर यादव, बादशाहपुर। सुल्तानपुर नेशनल पार्क एक बार फिर प्रवासी पक्षियों की खुशहाल चहचहाहट से गुलजार हो उठा है। नवंबर के मध्य तक 10 से 15 हजार प्रवासी पक्षियों का ही जमावड़ा दिखाई देता था। ठंड बढ़ने के साथ ही संख्या बढ़कर 25 से 35 हजार के करीब पहुंच गई है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इतनी बड़ी संख्या में परिंदों का लौटना न केवल पर्यावरणीय सुधार का संकेत है। यह भी साबित करता है कि इस बार सर्दियां समय पर और पर्याप्त ठंडक लेकर आई हैं। जो प्रवासी प्रजातियों के अनुकूल है। दूर दराज ठंडे इलाकों से उड़कर आने वाले पक्षियों के लिए सुल्तानपुर नेशनल पार्क एक बेहतर आश्रयस्थली माना जाता है।
यह उद्यान एशिया के महत्वपूर्ण बर्ड हॉटस्पॉट्स में गिना जाता है। साइबेरिया, यूरोप, मध्य एशिया और उत्तरी देशों से हजारों किलोमीटर का सफर तय करके आने वाले ये विदेशी मेहमान यहां सर्दियों के दौरान भोजन, पानी और सुरक्षित आवास की तलाश में पहुंचते हैं।
पक्षी विशेषज्ञ एसके बजाज के मुताबिक इस बार शुरुआती ठंड में देरी के कारण नवंबर में प्रवासियों की संख्या बेहद कम थी, लेकिन दिसंबर की शुरुआत में तापमान गिरते ही परिंदों की चहलकदमी अचानक बढ़ गई। सुल्तानपुर नेशनल पार्क में इस समय ग्रेलैग गूज, नार्दर्न पिनटेल, शावलर, कॉमन टील, बार-हेडेड गूज, कामन कूट, ब्लैक-टेल्ड गाडविट सहित कई दुर्लभ प्रजातियां देखी जा रही हैं।
इनके आने से तालाबों और झीलों का सौंदर्य भी बढ़ गया है। वन्य जीव विभाग ने इस सीजन के लिए तैयारी तेज कर दी है। जंगल सफारी ट्रैक सुधारे गए हैं। वन्यजीव विभाग का कहना है कि इस बार पक्षियों की संख्या उम्मीद से भी ज्यादा बढ़ सकती है। दिसंबर के मध्य से जनवरी तक प्रवास का चरम रहता है। इसलिए अभी और बड़ी संख्या में विदेशी पक्षियों के पहुंचने की संभावना है। विशेषज्ञों का मानना है कि बेहतर वेटलैंड मैनेजमेंट, जलभराव की स्थिति में सुधार और शिकार की रोकथाम ने भी इस वृद्धि में अहम भूमिका निभाई है।
मौसम में परिवर्तन आने के साथ ही प्रवासी पक्षियों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। जैसे-जैसे ठंड बढ़ती है। पक्षियों का आने का सिलसिला भी शुरू हो जाता है। अभी सुल्तानपुर नेशनल पार्क में काफी संख्या में विदेशी परिंदे दिखाई दे रहे हैं।
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- रामकुमार जांगड़ा, वन्य जीव मंडलीय अधिकारी |