कटक स्टेडियम। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। भारत और दक्षिण अफ्रीका आज शाम कटक के बारबाटी स्टेडियम में टी-20 श्रृंखला का पहला अंतरराष्ट्रीय मुकाबला खेलेंगे। रात 7 बजे से होने वाला यह मैच एक वर्ष के भीतर दूसरी बार है जब यह ऐतिहासिक मैदान अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की मेजबानी कर रहा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मुकाबले से पहले बारबाटी स्टेडियम को आकर्षक लाइटिंग डिस्प्ले से सजाया गया है, जबकि फ्लडलाइट सिस्टम की कई चरणों में जांच की गई है। सुचारु संचालन सुनिश्चित करने के लिए ग्राउंड स्टाफ और तकनीकी टीमें सप्ताह की शुरुआत से ही तैयारी में जुटी हुई हैं।
शाम को मैदान में बड़ी संख्या में दर्शकों के आने की उम्मीद है, और गैलरियों के अंदर किए गए दृश्यात्मक प्रबंध माहौल को और भी रोमांचक बनाएंगे।
पुलिस अधिकारियों ने मैच-दिवस सुरक्षा के लिए लगभग 50 प्लाटून बल और 300 से अधिक अधिकारियों को तैनात किया है। भीड़ और यातायात प्रबंधन की योजनाओं में स्टेडियम के आसपास छह स्थानों पर निर्धारित पार्किंग व्यवस्था शामिल है।
ओडिशा क्रिकेट एसोसिएशन ने सीएम मोहन माझी के इस आह्वान को दोहराया है कि मैच को ‘त्रुटि-रहित’ बनाया जाए। इसके अलावा, पिच की स्थिति से संकेत मिलते हैं कि मुकाबला हाई-स्कोरिंग और रोमांच से भरपूर होगा, जो भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच पांच मैचों की टी20आई सीरीज़ की शुरुआत भी करेगा।
टेस्ट हार और वनडे सीरीज़ जीत के बाद टीम इंडिया अब छोटे प्रारूप में पकड़ मजबूत करने की कोशिश में है। टीम मैनेजमेंट ने संकेत दिया है कि टी-20 टीम में बड़े बदलाव की कोई योजना नहीं है, बल्कि फ़ोकस रणनीति के बेहतर क्रियान्वयन पर रहेगा।
टी-20 में टैक्टिकल सुधार की ओर भारत का ध्यान
सोमवार को प्रेस से बात करते हुए कप्तान सूर्यकुमार यादव ने स्पष्ट किया कि टेस्ट पराजय के बावजूद टी-20 टीम में किसी बड़े बदलाव की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि टीम की कोर प्लानिंग पहले की तरह ही रहेगी, बस अमल में सुधार की जरूरत है।
उप-कप्तान शुभमन गिल, जो हाल की चोट की परेशानी से उबर चुके हैं, नेट्स में अभ्यास करते दिखे और संभावना है कि वे अभिषेक शर्मा के साथ ओपनिंग करेंगे। गिल की वापसी से टीम को एक जाना-पहचाना लेफ्ट-राइट कॉम्बिनेशन मिलने की उम्मीद है।
सूत्रों के मुताबिक टीम ने सोमवार को करीब तीन घंटे पिच और परिस्थितियों का जायजा लिया। सूर्यकुमार ने खुद विभिन्न अभ्यास पटरियों पर गेंद की उछाल और सतह के व्यवहार का बारीकी से अध्ययन किया, ताकि यह समझा जा सके कि रात में विकेट कैसा खेल सकता है।
अगले साल होने वाले टी-20 विश्व कप को देखते हुए यह श्रृंखला भारत और दक्षिण अफ्रीका—दोनों के लिए अहम तैयारी मानी जा रही है।
BCCI निरीक्षण के बाद बारबाटी में पहली बार लाल मिट्टी की पिच
बारबाटी स्टेडियम में पहली बार लाल मिट्टी की पिच पर अंतरराष्ट्रीय टी-20 मैच खेला जाएगा। ओडिशा क्रिकेट एसोसिएशन ने दो विकेट तैयार किए थे—एक महाराष्ट्र से लाई गई लाल मिट्टी से और दूसरा कालाहांडी की पारंपरिक काली मिट्टी से।
कठोरता, नमी के व्यवहार और उछाल की संभावनाओं को परखने के बाद बीसीसीआई के मुख्य क्यूरेटर ने लाल मिट्टी की पिच को मंजूरी दी। रिपोर्टों के अनुसार, इस पिच पर बेहतर गति, कैरी और शाम के समय अधिक प्रतिस्पर्धी खेल देखने को मिल सकता है।
गौरतलब है कि बारबाटी ऐतिहासिक रूप से काली मिट्टी की पिचों के लिए जाना जाता रहा है, ऐसे में यह बदलाव सीमित ओवरों के क्रिकेट में मैदान की मेजबानी क्षमता के नए अध्याय के रूप में देखा जा रहा है। |