डॉ. किशोर पंजवानी फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, आगरा। कैंसर से 22 वर्ष से जंग लड़ते.. लड़ते बाल चिकित्सा सर्जन डॉ. किशोर पंजवानी का सोमवार शाम को निधन हो गया। जिंदादिल के साथ ही लोगों की जिंदगी में हंसी घोलने के लिए लाफ्टर क्लब बनाया, अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर एसोसिएशन ऑफ पिडियाट्रिक सर्जन ने उन्हें सम्मानित किया। इसी वर्ष उन्हें एसोसिएशन आफ पिडियाट्रिक सर्जन ने लाइफ टाइम एचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया था। एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे, आगरा में कई कार्यशाला कराईं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
बाल चिकित्सा सर्जन 22 वर्ष से कैंसर से लड़ रहे थे, हार्ट अटैक पड़ा, गुर्दा प्रत्यारोपण भी कराया
बाग फरजाना के रहने वाले 61 वर्ष के डॉ. किशोर पंजवानी ने 1982 में एसएन मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की थी, बीएचयू से एमसीएच (पिडियाट्रिक सर्जरी) की। उनके साथी डॉ. रनवीर त्यागी ने बताया कि वे जिंदादिल थे और अपने दर्द को किसी से साझा नहीं करते थे, दूसरों को हंसाते थे और मदद करते थे। खेलगांव में हर सुबह लाफ्टर क्लब के साथ लोगों को खूब हंसाते थे। उन्होंने वर्ष 2003 में जननांग में कैंसर होने पर सर्जरी कराई, 2011 में मुंह का कैंसर होने पर दोबारा सर्जरी कराई। इसके बाद गुर्दा प्रत्यारोपण कराया, 2021 में हार्ट अटैक पड़ने पर एंजियोप्लास्टी हुई।
एक दिन के नवजात की अंतिम सर्जरी की, लाइफ टाइम एचीवमेंट अवार्ड से हुए सम्मानित
इसी वर्ष जून में जीभ में कैंसर का पता चलने पर सर्जरी कराई थी और दिल्ली में रेडियोथेरेपी चल रही थी। इस दौरान वे शनिवार और रविवार को आगरा आते थे और सर्जरी करते थे। उन्होंने एक दिन के नवजात की अंतिम सर्जरी की थी। 25 दिन पहले अंतिम रेडियोथेरेपी के बाद तबीयत बिगड़ गई। पिछले 10 दिन से सिनर्जी प्लस हॉस्पिटल में भर्ती थे। उन्होंने कैंसर सर्वाइवर, गुर्दा प्रत्यारोपण कराने वाले मरीजों का क्लब बनाया था, अपना उदाहरण देकर उनका हौसला बढ़ाते थे। मरीजों से दोस्तों की तरह बात करते थे। उनका अंतिम संस्कार मंगलवार को होगा। आइएमए, आगरा के अध्यक्ष डा. पंकज नगाइच सहित डॉक्टरों ने शोक व्यक्त किया है।
पत्नी ने गुर्दा दिया, दो दिन पहले कहा अब मर जाने दो
वर्ष 2012 में गुर्दा फेल होने पर उनकी पत्नी वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. शर्मिला पंचवानी ने उन्हें गुर्दा दान किया, गुर्दा प्रत्यारोपण कराया। चार बार कैंसर होने के बाद भी उनका हौसला कम नहीं हुआ। डा. रनवीर त्यागी ने बताया कि ने बताया कि वे कभी नकारात्मक बात नहीं करते थे लेकिन दो दिन पहले कहा अब तो मर जाने दो।उनके अंदाज को देखकर दूसरे लोगों के चेहरे पर मुस्कान आ जाती थी। उनके बेटे चिराग स्टैंड अप कामेडियन हैं और प्रशांत बिजनेस शुरू करने जा रहे हैं।
1998 में कार सहित बदमाशों ने किडनैप कर 28 दिन तक रखा
डा. किशोर पंजवानी कई अस्पतालों में मरीजों का इलाज करने के लिए जाते थे, 1998 में वे सर्जरी करने के बाद रात में कार से अपने घर लौट रहे थे। भगवान टाकीज के पास बदमाशों ने उन्हें किडनैप कर लिया, 28 दिन तक बदमाशों ने अपने साथ रखा, फिरौती देने के बाद उन्हें छोटा था। |