बिहार में डॉक्टरों की भर्ती। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार की नीतीश सरकार नए वर्ष की शुरुआत स्वास्थ्य व्यवस्था को नई रफ्तार देने के साथ करने जा रही है। राज्य में लंबे समय से रिक्त पदों के कारण प्रभावित हो रही चिकित्सा सेवाओं को दुरुस्त करने के लिए सरकार तेजी से बहाली प्रक्रिया को आगे बढ़ा रही है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इसी क्रम में जनवरी से स्वास्थ्य विभाग को 663 सामान्य डॉक्टर, 808 डेंटिस्ट, 11 हजार से अधिक नर्सें, 498 नर्सिंग ट्यूटर और 121 आयुष डॉक्टरों की नई टीम मिलने की संभावना है। यह बड़ा मानव संसाधन विस्तार राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए काम करेगा।
रिक्त पदों को भरने पर सरकार का फोकस
स्वास्थ्य विभाग में कई वर्ष से खाली पड़े पद ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर जिलों के अस्पतालों तक सेवा गुणवत्ता को प्रभावित कर रहे थे। सरकार ने इसे प्राथमिकता में रखते हुए भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाई है। सामान्य चिकित्सकों से लेकर विशेषज्ञ दंत चिकित्सकों तक की तैनाती से पीएचसी और जिला अस्पतालों में चिकित्सकीय सेवाओं में बड़ा बदलाव आने की उम्मीद है।
11 हजार से अधिक नर्सें, अस्पतालों में मिलेगी नई ऊर्जा
नर्सिंग स्टाफ की भारी कमी अस्पतालों की कार्य-संस्कृति और मरीजों की देखभाल पर गहरा असर डाल रही थी। 11 हजार से अधिक स्टाफ नर्सों की नियुक्ति से अस्पतालों में न सिर्फ मानव संसाधन का दबाव कम होगा, बल्कि आईसीयू से लेकर सामान्य वार्ड तक सेवा की गुणवत्ता बेहतर होगी। 498 नर्सिंग ट्यूटरों के जुडऩे से नर्सिंग संस्थानों में प्रशिक्षण का स्तर भी ऊंचा होगा।
आयुष सेवाओं को भी मिलेगा संबल
121 आयुष डॉक्टरों की बहाली से सरकार पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को भी मजबूती देने की दिशा में काम कर रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में आयुष की भूमिका बड़ी होती रही है, और नए डाक्टरों के आने से स्वास्थ्य सेवाओं का दायरा और बढ़ेगा। कुल मिलाकर सरकार की यह पहल राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को नए अध्याय की ओर ले जाती दिख रही है। रिक्त पदों को भरने से जहां मरीजों को बेहतर इलाज की सुविधा मिलेगी, वहीं अस्पतालों की कार्यकुशलता भी बढ़ेगी।
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