आईजीएमसी शिमला में कैंसर मरीज का ऑपरेशन करने वाली टीम व विशेषज्ञ डॉक्टर रश्मपाल ठाकुर। सौ. अस्पताल
जागरण संवाददाता, शिमला। इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आईजीएमसी) में शिमला के डाक्टरों ने कैंसर सर्जरी के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। किन्नौर निवासी 75 वर्षीय बुजुर्ग के शरीर में फुटबाल के आकार का ट्यूमर पाया था। अब आइजीएमसी में पहली बार एक साथ दो कैंसर का ऑपरेशन किया गया है।
मरीज के पेट में तीव्र दर्द, चलने-फिरने में दिक्कत और भूख न लगने की समस्या आने लगी। मरीज ने आइजीएमसी के कैंसर विभाग में डा. रश्मपाल ठाकुर से परामर्श लिया। जांच में पता चला कि मरीज को एक नहीं बल्कि दो अलग-अलग जगह पर कैंसर था। एक लिवर और दूसरा दाईं किडनी में। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
जोखिमपूर्ण माना जा रहा था ऑपरेशन
मरीज की उम्र अधिक होने के साथ उन्हें सांस लेने में कठिनाई और हाई ब्लड प्रेशर जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं भी थीं। इसके कारण यह आपरेशन अत्यंत जोखिमपूर्ण माना जा रहा था। हालांकि, बीमारी का उपचार आपरेशन के अलावा संभव नहीं था, इसलिए सर्जरी करने का निर्णय लिया गया।
तीन किलोग्राम ट्यूमर निकाला
आईजीएमसी की विशेषज्ञ टीम ने लगभग छह से सात घंटे तक चले ऑपरेशन में मरीज के लिवर के बायें हिस्से और दाईं किडनी को सफलतापूर्वक निकाल दिया। ट्यूमर का आकार फुटबाल जितना बड़ा और वजन लगभग तीन किलोग्राम था। आपरेशन के बाद मरीज को 10वें दिन अस्पताल से छुट्टी देकर घर भेज दिया।
यह दुर्लभ स्थिति
सर्जिकल टीम में डा. रश्मपाल ठाकुर (कैंसर सर्जन), डा. पुनीत महाजन (सर्जन), डा. अंशु (सीनियर रेजिडेंट) व एनेस्थीसिया टीम में डा. अजय सूद एवं उनकी टीम मौजूद रही। विशेषज्ञों के अनुसार किसी एक मरीज में एक साथ दो कैंसर होना बेहद दुर्लभ स्थिति है, जो केवल दो से तीन प्रतिशत मामलों में पाई जाती है। ऐसे मामलों में आपरेशन करना बहुत बड़ी चुनौती माना जाता है।
डा. रश्मपाल ठाकुर ने किया ऑपरेशन
एम्स दिल्ली से सुपर-स्पेशलाइजेशन कर चुके डा. रश्मपाल ठाकुर ने इस दुर्लभ और जोखिमपूर्ण आपरेशन को किया। कैंसर सर्जरी विभाग द्वारा लगातार जटिल और सफल आपरेशन किए जाने के कारण अब हिमाचल के मरीजों को एम्स या पीजीआइ चंडीगढ़ रेफर करने की जरूरत पहले से काफी कम हो गई है। आइजीएमसी शिमला की टीम किसी भी जटिल कैंसर आपरेशन को सफलतापूर्वक करने में सक्षम है।
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