सर्दियों में अपनी कार का कैसे रखें ख्याल?
ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। ठंड का मौसम आते ही कार की देखभाल के तरीके बदल जाते हैं। कम तापमान, धुंध और बर्फीली परिस्थियां आपकी कार के मैकेनिकल पार्ट्स, बैटरी, टायर और फ्लूइड्स पर असर डालती हैं। चाहे आपकी कार पेट्रोल, डीजल, हाइब्रिड हो या इलेक्ट्रिक हो, ठंड के मौसम में उसकी खास देखभाल जरूरी है। हम यहां पर आपको विस्तार में बता रहे हैं कि ठंड के मौसम में कार की सही देखभाल कैसे करें? विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
ठंड में ऐसे रखें अपनी कार का ध्यान
- बैटरी चेक करें: ठंड के मौसम बैटरी की कैपेसिटी कम हो जाती है। इसलिए मौसम बदलने से पहले 12V (लीड-ऐसिड) बैटरी की जांच करवाएं।
- सही जगह पार्क करें: अगर कार लंबे समय तक खड़ी रहती है तो ट्रिकल चार्जर का इस्तेमाल करें, जिससे बैटरी डिस्चार्ज न हो। कोशिश करें कि कार को इंडोर या अंडरग्राउंड में पार्क करें ताकि बैटरी को अत्यधिक ठंड से बचाया जा सके।
- ICE और हाइब्रिड कार का ख्याल: हफ्ते में एक बार कार को लंबी ड्राइव पर जरूर लेकर जाएं। इससे बैटरी चार्ज बनी रहती है। कोल्ड स्टार्ट के दौरान हीटेड सीट, एक्स्ट्रा लाइट्स या रेडियो जैसे कई इलेक्ट्रिकल फंक्शन का इस्तेमाल नहीं करें।
- इलेक्ट्रिक कार का ख्याल: ठंड के मौसम में इलेक्ट्रिक कार की रेंज 10–20% तक कम हो सकती है। कार को चार्जर से जोड़े रहते हुए प्री-हीट करें, जिससे बैटरी और केबिन की गर्मी ग्रिड पावर से मिले। SOC (स्टेटस ऑफ चार्ज) को 20% से नीचे न गिरने दें।
- टायर की मेंटेनेंस: ठंड में टायरों की हालत जरूर चेक करें। बर्फबारी वाले इलाकों में विंटर टायर का इस्तेमाल करें, क्योंकि उनका सॉफ्ट रबर और विशेष ट्रैड अधिक ग्रिप देता है। सभी टायरों का ट्रीड डेप्थ 2mm से कम हो, तो उन्हें बदलें। टायर प्रेशर को सही रखें। नियमित रूप से एयर प्रेशर को चेक करते रहे। स्पेयर टायर सही तरह से फुला हुआ और उपयोग के लिए तैयार होना चाहिए। जरूरत पड़े तो टायर रोटेशन करवा लें, इससे समान घिसाव बना रहता है।
- फ्लूइड्स को चेक करें: ठंड में इंजन ऑयल गाढ़ा हो जाता है, जिससे कार स्टार्ट होने में दिक्कत आती है। कार के मैनुअल में सुझाए गए विंटर ग्रेड ऑयल का इस्तेमाल करें। अगर ऑयल गंदा या ग्रेनी दिखे तो उसे बदल दें। कूलेंट और एंटीफ्रीज का समान मिश्रण बनाए रखें। अगर कूलेंट गंदा, जंगदार या कम है तो उसे फ्लश करवा कर बदल दें। पुराना ट्रांसमिशन फ्लूइड ठंड में जेल जैसा हो सकता है। मैनुअल और ऑटोमैटिक दोनों कारों में इसकी जांच जरूरी है। डीजल कारों में ठंड में डीज़ल जम सकता है, इसलिए एंटी-जल/एंटी-वैक्स एडिटिव डालें। पेट्रोल कारों में टैंक को कम से कम आधा भरा रखें, ताकि फ्यूल लाइन में कंडेंस फ्रीज न हो सके। अगर ब्रेक फ्लूइड में नमी है तो वह ठंड में जम सकती है। फ्लूइड का लेवल और रंग जांचें। पुराना होने पर इसे बदल दें।
- वाइपर्स की देखभाल: पुराने या फटे वाइपर ब्लेड तुरंत बदलें। बर्फबारी वाले इलाकों में पार्किंग से पहले वाइपर को उठा दें ताकि वे कांच से न चिपकें। वॉशर नोजल साफ और अनक्लॉग्ड रखें।
- हीटिंग और डिफ्रॉस्ट सिस्टम: हीटर और डिफ्रॉस्टर का सही काम करना जरूरी है। सुनिश्चित करें कि विंडशील्ड पर गर्म हवा ठीक से आ रही हो। डिफ्रॉस्ट मोड AC को भी चलाता है, यह केबिन की नमी दूर करता है। AC कंप्रेसर ठीक काम कर रहा है या नहीं, यह चेक करवाएं। केबिन के एयर फिल्टर को चेक करें। गंदा फिल्टर एयरफ्लो रोकता है और डिफ्रॉस्टिंग को धीमा करता है। इसे समय-समय पर बदलते रहें।
- एक्सटीरियर की सेफ्टी: बॉडी और अंडरबॉडी पर जंग या बबलिंग पेंट दिखे तो तुरंत ट्रीटमेंट करवाएं। चाहें तो अंडरबॉडी एंटी-रस्ट कोटिंग भी लगवा सकते हैं। डोर लॉक्स और फिटमेंट प्रोटेक्शन को चेक करें। डोर लॉक, हिंगेस और रबर सील पर सिलिकॉन या ग्रेफाइट लुब्रिकेंट स्प्रे करें। बर्फ से जमे वाइपर को जबरदस्ती न चलाएं, पहले हल्के हाथ से छुड़ाएँ।
- इमरजेंसी किट रखें: सर्दियों में कार में एक जरूरी सुरक्षा किट रखें। अपनी कार में स्नो चेन, जम्पर केबल, टॉर्च और बैटरियां, टो स्ट्रैप, फर्स्ट-एड किट, पावर बैंक, एक्स्ट्रा कूलेंट और वॉशर फ्लूइड, पानी, ड्राई फूड, गर्म कपड़े, कंबल, दस्ताने जरूर रखें।
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