वो हसीना जिसे कहा गया \“हंटरवाली\“
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। कहते हैं कि वक्त अगर अच्छा हो तो किस्मत के सितारे बुलंद जरूर होते हैं। हिंदी सिनेमा में सितारों के सितारे सातवें आसमान पर पहुंचते हैं तो गर्दिश में भी जाते हैं। आज हम आपको एक ऐसी अदाकारा की कहानी सुनाएंगे, जिसकी जिंदगी नाम, शौहरत, पैसा सबकुछ आया, लेकिन ऊपरवाले का करम तो देखिए उस अभिनेत्री की निजी जिंदगी में ऐसा तूफान आया कि ताश के पत्ते की तरह सबकुछ ढेर हो गया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
बगदाद से भारत आई वो हसीना
वो दौर था 1950 का जब हिंदी सिनेमा की जड़ें धीरे-धीरे मजबूती की राह पर चल रही थीं। नए-नए अभिनाताओं और अभिनेत्रियों की कहानियां पर्दे पर सज रही थीं। इसी बीच एक एक्ट्रेस का नाम ऊभरकर सामने आया, नाम था नादिरा (Actress Nadira)। अब यूं तो नादिरा का जन्म इराक के बगदाद में हुआ था।
इराक के यहूदी परिवार में 5 दिसंबर 1932 को जन्मीं नादिरा का असली नाम फ्लोरेंस ईजेकियल था। यहूदी परिवार से ताल्लुक रखने वाली नादिरा की माली हालत ठीक नहीं थी, इसलिए परिवार भारत आकर बस गया। यहां नादिरा आईं तो छोटे-मोटे काम करके अपना गुजारा किया और फिर नादिरा के दिल में एक्ट्रेस बनने की चाह जागी। काफी जद्दोजहद के बाद आलिया भट्ट (Alia Bhatt) के दादाजी नानाभाई भट्ट की फिल्म मौज से नादिरा ने अपने करियर को शुरू किया।
पर्दे की खलनायिका बन गईं नादिरा
नादिरा का करियर बॉलीवुड में शुरू तो हुआ लेकिन उन्हें असली पहचान साल 1952 में मिली। दरअसल महबूब खान की फिल्म ‘आन’इसी साल रिलीज हुई थी। इसी फिल्म में नादिरा ने एक राजपूती राजकुमारी का किरदार निभाया। फिल्म को पसंद किया और नादिरा के किरदार की भी तारीफ हुई। इसके बाद नादिरा के करियर में मील का पत्थर साबित हुई फिल्म श्री 420। राज कपूर (Raj Kapoor) की इस फिल्म में नादिरा ने निगेटिव किरदार निभाया।
दरअसल राज कपूर ने नादिरा को यही किरदार ऑफर किया और नादिरा ने भी इसे एक्सेप्ट किया। फिल्म में नरगिस हीरोइन थीं और नादिरा फिल्म में वैंप बनीं। फिल्म से नादिरा ऐसी ऊभरीं कि उनका बोल्ड अंदाज लोगों को भा गया। इसके बाद उन्हें कई ऐसी ही फिल्मों के ऑफर मिले। बाद में वो \“वारिस\“, \“जलन\“, \“नगमा\“, \“डाक बाबू\“, प्रीत पराई, हंसते ज़ख्म, पाकीजा समेत कई फिल्मों में नजर आईं।
शाही शौक, महंगी फीस और फिर खरीदी रॉल्स रॉयस
नादिरा का करियर चला तो उनके शौक भी बढ़ गए। नादिरा को महंगी लाइफस्टाइल जीने का बड़ा शौक था। जैसे-जैसे नादिरा करियर के पीक पर जा रही थीं, उनकी फीस भी बढ़ती जा रही थी। कहा जाता है कि नादिरा ने जब फिल्मों काम करना शुरू किया था तब उन्हें 1200 रुपये सैलरी मिलती थी। इसके बाद उनके वेतन बढ़कर 2500 रुपये हो गई थी। बीतते वक्त के साथ जैसे उनके करियर का ग्राफ बढ़ा तो वो 3600 रुपये चार्ज करने लगीं।
एक बार उनकी मां इतने रुपये देखकर हैरान रह गई थीं। नादिरा इतने रुपये कमाती थीं कि वो अपनी जिंदगी बहुत शाही और अपनी शर्तों पर जिया करती थीं। बॉलीवुड में वो पहली कलाकार थीं, जिसने सबसे पहले दुनिया की लग्जरी कार मानी जाने वाली Rolls Royce खरीद ली थी। इस गाड़ी को खास विदेश से इंपोर्ट कराया गया था। आज अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान, प्रियंका चोपड़ा, विजय और चिरंजीवी जैसे सितारों के पास अपनी रॉल्स रॉयस है। लेकिन नादिरा ने ये सिलसिला बहुत पहले ही शुरू कर दिया था जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं।
दो शादियों के बाद भी अकेली रह गईं नादिरा
नादिरा के जीवन में सफलता आई, तो बुरा दौर भी उन्होंने देखा। गरीबी देखी तो अमीरी का आलम भी ऐसा रहा कि उन्होंने रॉल्स रॉयस जैसी गाड़ी खरीद डाली। लेकिन बात जब निजी जीवन की आई, तो नादिरा इसमें असफल रहीं। नादिरा ने पहली शादी राइटर और शायर नक्शब जारछवि के साथ शादी की। दोनों की मुलाकात नादिरा की फिल्म आन के सेट पर हुई थी। मुलाकातें प्यार में बदलीं और प्यार फिर शादी में तब्दील हो गया।
शादी के कुछ दिन ठीक रहे लेकिन कुछ दिन के बाद ही नादिरा के पति दूसरी महिलाओं के साथ संबंध बनाने लगे। यहां तक कि वो महिलाओं को घर तक लाने लगे। ये सब देख नादिरा टूट गईं और पति से तलाक ले लिया। \“बीते हुए दिन\“ ब्लॉग के साथ बातचीत में नादिरा ने इसका जिक्र किया था। इसके बाद नादिरा ने दूसरी शादी की। कहा जाता है कि नादिरा की ये शादी भी अच्छी नहीं रही, क्योंकि दूसरा पति निकम्मा था और काम नहीं करता था। नादिरा ही अपने पति का खर्चा उठा रही थीं और फिर नादिरा की ये शादी भी टूट गई।
महंगी फीस से लेकर महंगे शौक और गरीबी से लेकर अमीरी तक का सफर तय करने वाली नादिरा की अंतिम समय में हालत खराब हो गई थी। नादिरा ने आखिर में शाहरुख खान के साथ फिल्म जोश में काम किया था। इसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। वो अकेली पड़ गईं, उनके चेहरे पर सूजन आ गई, उन्हें मानो पहचानना भी मुश्किल हो गया था। नादिरा के परिवार के सभी सदस्य देश छोड़कर, दूसरे देशों में बस गए थे और अंतिम समय में नादिरा अकेले ही रह गईं थीं। 9 फरवरी 2006 को नादिरा का निधन हो गया। |