cy520520 • 2025-12-5 10:36:59 • views 976
RBI आज शुक्रवार को द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में लिए गए फैसलों का एलान करेगा।
नई दिल्ली। RBI आज शुक्रवार को द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में लिए गए फैसलों का एलान करेगा। विशेषज्ञों ने रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत कटौती किए जाने की उम्मीद जताई है। द्विमासिक मौद्रिक नीति पर एमपीसी की बैठक बुधवार को शुरू हुई थी। यह बैठक घटती मुद्रास्फीति, सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की तेज वृद्धि, डालर के मुकाबले रुपये के 90 के पार जाने और मौजूदा भू-राजनीतिक तनावों की पृष्ठभूमि में हो रही है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
खुदरा मुद्रास्फीति में गिरावट के बीच RBI ने फरवरी से रेपो रेट में तीन किस्तों में कुल एक प्रतिशत की कटौती की है। हालांकि पिछली दो बार से रेपो रेट को 5.5 प्रतिशत पर स्थिर रखा गया है। कई विशेषज्ञों का कहना है कि वृद्धि दर मजबूत बनी हुई है लेकिन खुदरा मुद्रास्फीति में उल्लेखनीय गिरावट ने प्रमुख अल्पकालिक ऋण दर में कटौती की अतिरिक्त गुंजाइश पैदा कर दी है।
RBI गवर्नर ने भी पिछले महीने कहा था कि नीतिगत ब्याज दरों में और कटौती की गुंजाइश है। सरकार ने RBI को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि खुदरा मुद्रास्फीति दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर बनी रहे। RBI के पहली छमाही के अपेक्षा से बेहतर आंकड़ों को देखते हुए अपने जीडीपी वृद्धि अनुमान को संशोधित करके बढ़ाने की भी उम्मीद है।
RBI MPC announcement Date and time: कितने बजे होगी मीटिंग
नीतिगत परिणाम की घोषणा शुक्रवार, 5 दिसंबर को सुबह 10 बजे आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा द्वारा की जाएगी।
RBI MPC Where to watch: कहां लाइव देंखे
यह घोषणा आरबीआई के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर लाइव स्ट्रीम की जाएगी। साथ ही आप दैनिक जागरण बिजनेस पर भी पल-पल की अपडेट देख सकते हैं।
JM Financial ने क्या कहा
आरबीआई की एमपीसी मीटिंग पर घरेलू ब्रोकरेज फर्म ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि हमारा अनुमान है कि आरबीआई वित्त वर्ष 26 में अपने ग्रोथ फॉरकास्ट को कम से कम 20 बेसिस प्वाइंट से बढ़ाकर 7% कर देगा और महंगाई के अनुमान को 40 बेसिस प्वाइंट से घटाकर 2.2% कर देगा।
इस समय ब्याज दरों में कटौती से वित्त वर्ष 26 की दूसरी छमाही में अपेक्षित नरम वृद्धि दर को बढ़ावा मिलेगा, लेकिन इससे रुपये में और गिरावट का जोखिम भी रहेगा। अगर ब्याज दरों में कटौती के साथ नरम रुख नहीं अपनाया जाता है, तो बॉन्ड यील्ड में और गिरावट आएगी। ऐसे में आरबीआई यथास्थिति बनाए रखते हुए बीच का रास्ता अपना सकता है और आने वाले महीनों में पॉलिसी सपोर्ट के लिए गाइडेंस दे सकता है। |
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