बच्चों को कुएं के पानी में पैरों से दबाकर मारने वाले हत्यारे पिता और सौतेली मां दोषी साबित।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। अपने बच्चों को कुएं के पानी में पैरों से दबाकर मारने वाले हत्यारे पिता और सौतेली मां दो साल चले केस के बाद अदालत में दोषी साबित हुए। मामले का कोई भी चश्मदीद गवाह नहीं होने के बावजूद अदालत ने साक्ष्य को ही दोषी साबित करने का आधार मना। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार की अदालत इस मामले में शुक्रवार को सजा का फैसला करेगी। अभियोजन पक्ष की ओर से लोक अभियोजक महेश छावड़ी ने अदालत से मांग की है कि दोनों दोषी को सख्त से सख्त सजा दी जाए। क्योंकि जो अपने बच्चों का नहीं हो सका। वह समाज के लिए भी खतरा हैं।
18 मई 2023 को सीकरी के रहने वाले धीरेंद्र ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि वह शगुन गार्डन के पीछे से गुजर रहे थे। उन्होंने देखा कि गार्डन के पीछे स्थित कुएं के चारों तरफ भीड़ लगी हुई है। जब धीरेंद्र मौके पर गए तो देखा कि एक युवक अपने बच्चों का गला पैरों से दबा रहा था। वह दोनों को जान से मारने की कोशिश कर रहा था।
धीरेंद्र रस्सी की मदद से कुएं में उतर गए। उन्होंने युवक को बच्चों के ऊपर से हटाया और दोनों बच्चों को बाहर निकाला। इसके बाद युवक को भी बाहर निकाला गया। मामले की जानकारी पुलिस को दी गई। सीकरी पुलिस चौकी प्रभारी सुनील मौके पर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि दोनों बच्चें मृत हो गए थे। मामले में धीरेंद्र ने पुलिस को शिकायत दी।
पूछताछ में अपने दोनों बच्चों को जान से मारने वाले पिता ने अपना नाम भगत सिंह बताया। श्याम कालोनी के रहने वाले भगत सिंह ने बताया कि जिन बच्चों को उसने जान से मारा। वह उसकी पहली पत्नी के बच्चे थे। दोनों बच्चों का नाम निक्की और बिंदू था। दोषी पिता मूलरूप से पलवल के मररौली गांव का रहने वाला हैं।
भगत सिंह ने पुलिस को बताया कि उसकी दूसरी आशा बच्चों को लेकर झगड़ा करती रहती थी। आए दिन बच्चों की वजह से उनकी मारपीट होती थी। इसलिए उन्होंने दोनों बच्चों को मारने का साजिश रची। जिसके तहत भगत सिंह अपने दोनों बच्चों को कुएं में लेकर कूदा था। उसको विश्वास था कि कुएं में पानी कम होने की वजह से वह तो बच जाएगा। लेकिन बच्चे डूब जाए।
जब बच्चे कुएं में गिरने के बाद भी नहीं डूबे तो उसने पैर से अपने बच्चों की गर्दन को दबा दिया। इस दौरान धीरेंद्र कुएं में उतर गए। लेकिन वह बच्चों की जान नहीं बचा सका। सेक्टर-58 थाने में भगत सिंह और उसकी पत्नी आशा के खिलाफ आपराधिक साजिश और हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया।
दो साल में 19 गवाह किए गए पेश
लोक अभियोजक महेश छाबड़ी ने बताया कि दो साल में 19 गवाह पेश किए गए। इसके साथ ही मामले में कोई चश्मदीद गवाह नहीं था। क्योंकि किसी ने भी भगत सिंह को अपने बच्चों के साथ कुएं में कूदता हुआ नहीं देखा था। लेकिन अदालत में ठोस साक्ष्य होने की वजह से आरोपित युवक और उसकी पत्नी दोषी साबित हुए। जब बच्चों का भगत सिंह पैर से गला दबा रहा था। उनको बाहर निकाला गया तो लोगों वीडियो भी बनाए। यह वीडियो भी कोर्ट में अपराध का सबूत बने।
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