नाला निर्माण का काम तेजी से
जागरण संवाददाता, पटना। पटना का एक ऐसा इलाका, जहां नाला सिर्फ पानी नहीं, बल्कि परेशानियां बहा रहा था, दुर्गंध, टूटे रास्ते, हादसे और भारी ट्रैफिक। अब वही इलाका एक बड़े ट्रांसफॉर्मेशन से गुजर रहा है। सैदपुर से गायघाट तक 5.7 किलोमीटर लंबे नाले के ऊपर फोरलेन सड़क बन रही है, जो नाला रोड से लेकर पहाड़ी तक की यात्रा को सिर्फ 15–20 मिनट में बदल देगी। यह सड़क पटना को पश्चिम से पूर्व तक जोड़ने वाली नई लाइफलाइन साबित हो सकती है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
5 दिसंबर से सैदपुर की ओर भी शुरू होगा निर्माण, लगेगा डायवर्जन
फिलहाल छोटी पहाड़ी की ओर से काम तेजी से चल रहा है। परियोजना के इंजीनियर आलोक कुमार के मुताबिक 5 दिसंबर से सैदपुर की तरफ से भी निर्माण शुरू किया जाएगा।
इसके लिए ट्रैफिक डायवर्जन तैयार है, जो एनसीसी कैंपस, फिजिकल कॉलेज और साइंस सिटी होकर बनेगा। हालांकि 4–10 दिसंबर तक एनसीसी कैंपस में कार्यक्रम होने के कारण थोड़ी परेशानी रह सकती है।
2 लाख लोगों को सीधे लाभ, पटना सिटी तक पहुंचना होगा सरल
आज नाला रोड, राजेंद्र नगर या गायघाट रूट से जाने में भारी जाम लगता है। नई फोरलेन सड़क बनने के बाद नाला रोड से गायघाट और पहाड़ी सिर्फ 20 मिनट की दूरी पर होंगे।
इससे लगभग 2 लाख लोगों की रोजमर्रा की यात्रा तेज और सुरक्षित होगी। अशोक राजपथ, महेंद्रू और कंकड़बाग वाली सड़कों पर दबाव कम होगा।
कभी ‘बादशाही पइन’, आज बदहाल नाला… अब बनेगा पटना की स्मार्ट सड़क
स्थानीय लोग इसे आज भी ‘नहर’ कहते हैं। कभी यह बादशाही पइन का हिस्सा था। लेकिन वर्षों से यह नाला खुले कचरे, टूटी सड़क और अतिक्रमण से घिरा हुआ था।
हमारी पड़ताल में पता चला कि सैदपुर से गायघाट तक 75 से अधिक स्थाई/अस्थाई अतिक्रमण हैं। 274 बिजली खंभों को भी हटाया या शिफ्ट किया जाएगा।
पहले योजना सिर्फ नाला मरम्मत की थी, अब पूरी सड़क को फोरलेन बनाने का फैसला लिया गया है। दो साल की देरी और तकनीकी अड़चनों के बाद अब परियोजना पुनः गति पकड़ रही है।
331 करोड़ की योजना, दो कंपनियां कर रहीं निर्माण
शुरुआत में परियोजना की लागत 259 करोड़ थी, लेकिन संशोधित DPR में राशि बढ़कर 331.40 करोड़ हो गई। STPL और RR कंपनी मिलकर इसे बना रही हैं।
सैदपुर से गायघाट तक नाला ढंका (बॉक्स नाला) बनेगा, जबकि गायघाट से पहाड़ी पंप तक नाला खुला रहेगा और दोनों ओर सड़क बनेगी।
नाला की बेस चौड़ाई 7 मीटर और ऊपरी चौड़ाई 12 मीटर रखी गई है। साथ ही बिजली के तारों को जमीन के नीचे ले जाने के लिए डक्ट भी बनाया जा रहा है।
हादसों से परेशान लोग अब राहत की उम्मीद में
नाले के किनारे गड्ढों और टूटी सड़क ने सबसे ज्यादा मुश्किलें स्थानीय लोगों को दी हैं। न्यू अजीमाबाद के शमशेर आलम बताते हैं, \“गाड़ियां अक्सर नाले में गिर जाती हैं। दुर्गंध से रहना मुश्किल होता है।\“ गायघाट के मनीष कुमार कहते हैं, \“सड़क चौड़ी होगी तो कंकड़बाग–मुसल्लहपुर जाने में राहत मिलेगी।\“
स्थायी समाधान—दुर्गंध से मुक्ति, जलनिकासी बेहतर, ट्रैफिक सुगम
- सैदपुर नाला पर फोरलेन सड़क बनने के ये 5 बड़े फायदे होंगे, ईस्ट-वेस्ट पैसेंज रूट तैयार होगा, जिससे राजेंद्र नगर, कंकड़बाग, नाला रोड, गायघाट, पटना सिटी की कनेक्टिविटी बेहतर होगी।
- अशोक राजपथ और NH पर ट्रैफिक लोड कम होगा, व्यापारियों और यात्रियों को सीधा फायदा।
- नाले की दुर्गंध और ओवरफ्लो की समस्या खत्म होगी, खासकर शनिचरा, बकरी मंडी, रामपुर और सैदपुर के निकट।
- सौंदर्यीकरण और सुरक्षा बढ़ेगी, क्योंकि नाले को ढंकने से कचरा डालने और गिरने की घटनाएं बंद होंगी।
- जलनिकासी सिस्टम मजबूत होगा, क्योंकि नाला कई डोमेस्टिक पंपिंग स्टेशनों और STP का प्रमुख आउटलेट है।
नाला नहीं, पटना की नई उम्मीद
सैदपुर वार्ड के पार्षद इंद्रदीप चंद्रवंशी का दावा है कि \“5 दिसंबर से काम दोनों ओर से शुरू होते ही प्रोजेक्ट गति पकड़ेगा। यह पटना का नया ट्रैफिक कॉरिडोर बनेगा।
पटना के सबसे लंबे नाले पर फोरलेन सड़क बनना सिर्फ एक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि शहर की जीवनशैली बदलने वाली बड़ी पहल है। |