deltin33 • 2025-12-4 04:37:01 • views 202
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन। (फाइल)
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन गुरुवार शाम सात बजे अपने विशेष विमान से नई दिल्ली पहुंचेंगे। वह अपने सबसे बड़े कैबिनेट दल के साथ भारत आ रहे हैं। नई दिल्ली पहुंचने के कुछ ही देर बाद उनकी पीएम नरेन्द्र मोदी के साथ प्रधानमंत्री निवास पर मुलाकात होगी, जहां उनके सम्मान में रात्रिभोज का भी इंतजाम किया गया है। यह मुलाकात खासी लंबी चलने की संभावना है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
माना जा रहा है कि जिस तरह जुलाई, 2024 में मॉस्को से बाहर अपने निवास स्थान नोवो-ओगारयोवो में राष्ट्रपति पुतिन ने पीएम मोदी के साथ तकरीबन चार घंटे एकांत में बिताया था, कुछ वैसा ही माहौल गुरुवार को भारतीय प्रधानमंत्री के आधिकारिक निवास स्थान पर होगा। पिछली बार की तरह इस बार भी मोदी और पुतिन इस निजी समय में द्विपक्षीय, बहुपक्षीय और अन्य सभी मुद्दों पर बगैर किसी एजेंडे के खुलकर बात करेंगे।
मोदी और पुतिन की अगुआई में शुक्रवार को 23वां भारत-रूस सालाना शिखर सम्मेलन होने जा रहा है। ऐसे समय जब रूस से तेल खरीद को लेकर अमेरिका भारत पर कूटनीतिक व आर्थिक दबाव बनाने में जुटा है, तब राष्ट्रपति पुतिन की नई दिल्ली यात्रा पर पूरी दुनिया की नजर है।
पुतिन की यात्रा से पहले भारतीय विदेश मंत्रालय और रूसी राष्ट्रपति भवन की तरफ से बताया गया है कि इस बार दोनों देशों के लिए आर्थिक व कारोबारी मुद्दे काफी अहम रहेंगे। इस बात का संकेत इससे भी मिलता है कि राष्ट्रपति पुतिन के कैबिनेट में आर्थिक विभागों के सभी मंत्रीगण उनके साथ नई दिल्ली आ रहे हैं। इनमें आर्थिक विकास मंत्री मैक्सिम रेशेतनिकोव, व्यापार व उद्योग उप मंत्री एलेक्सी ग्रूजदेव, कृषि मंत्री ओक्साना लुट, डिजिटल संचार मंत्री सर्गेई कुशचेव होंगे।
इसके अलावा स्वास्थय मंत्री मिखाइल मुराशको, विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव व रक्षा मंत्री आंद्रे बेलुसोव भी आ रहे हैं। यह हाल के वर्षों में रूसी सरकार का विदेश दौरे पर जाने वाला सबसे बड़ा दल है।
75 कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारी पहुंचे
कारोबारी संबंधों को नई दिशा देने की तैयारी का पता इस बात से भी चलता है कि पुतिन के भारत आने से एक दिन पहले रूस की 75 बड़ी कंपनियों के प्रमुख या वरिष्ठ अधिकारी नई दिल्ली पहुंच चुके हैं। दोनों देशों की 75-75 प्रमुख कंपनियों के आला अधिकारियों के साथ पुतिन और मोदी की एक साझा बैठक शुक्रवार दोपहर में होगी।
व्यापार घाटा पाटने पर भारत का जोर
रूस की तरफ से कोशिश की जा रही है कि रिटेल, सूचना प्रौद्योगिकी व प्रौद्योगिकी क्षेत्र की भारतीय कंपनियां वहां प्लांट लगाए, जबकि भारतीय पक्ष यह चाहता है कि रूस ज्यादा से ज्यादा उत्पादों व सेवाओं का आयात भारत से करे, ताकि कारोबारी घाटा को पूरा किया जा सके।
भारत व रूस के बीच वर्ष 2024-25 में 68 अरब डॉलर का कारोबार हुआ था, लेकिन इसमें भारत का निर्यात सिर्फ पांच अरब डॉलर का है। पिछले पखवाड़े रूस ने भारत से आलू, अनार और समुद्री मछलियों का आयात शुरू किया है, लेकिन इससे कारोबारी घाटा नहीं पाटा जा सकता।
रक्षा संबंधों को लेकर भी होगी बातचीत
मोदी और पुतिन के बीच रक्षा संबंधों को लेकर भी कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात होगी, लेकिन सूत्रों का कहना है कि किसी खरीद पर अभी सहमति बनने की संभावना कम है। भारत के रक्षा उपकरणों में रूस की हिस्सेदारी तेजी से घट रही है, लेकिन अब भी यह 36 प्रतिशत है। बहरहाल, पुतिन के स्वागत में शुक्रवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भी रात्रिभोज का आयोजन किया है। |
|