लिंग जांच और भ्रूण हत्या को रोकने के लिए तेज होगा छापेमारी (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में लिंगानुपात 915 तक पहुंच गया है। स्वास्थ्य विभाग के सचिव एवं नेशनल हेल्थ मिशन के डायरेक्टर रिपुदमन सिंह ढिल्लो ने सभी सिविल सर्जनों को निर्देश दिए हैं कि वे अवैध एमटीपी और पीएनडीटी के मामलों में अधिक से अधिक रेड करें और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
लिंगानुपात को मानिटरिंग करने के लिए गठित स्पेशल टास्क फोर्स की बैठक में स्वास्थ्य महानिदेशक डा. कुलदीप सिंह और डा. वीरेंद्र यादव ने लिंग जांच और भ्रूण हत्या को रोकने के लिए चलाए जा रहे अभियान की जानकारी साझा की।
मिशन डायरेक्टर ने लिंगानुपात में पिछड़ने वाले जिलों के सिविल सर्जन, नोडल अधिकारी तथा पुलिस विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने क्षेत्र में अवैध एमटीपी तथा पीएनडीटी के मामलों पर कड़ी नजर रखें।
अगर कोई इस मामले में दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई करें। एफआइआर लिखते समय सभी पहलुओं का ध्यान रखें ताकि सबूतों के अभाव में दोषी कोर्ट से छूट न पाए।
उन्होंने यह भी कहा कि जिन मामलों यह आभास होता है कि सही पैरवी के कारण दोषी व्यक्ति निचली अदालत से छूटने में कामयाब हो गया है तो केस की अपील उससे ऊपरी अदालत में अवश्य करें।
पिछले तीन वर्ष के कोर्ट केसों का ब्योरा भी मांगा ताकि यह पता चल सके कि चालान समय पर पेश हो रहे हैं या नहीं।
जिन जिलों में पिछले चार-पांच माह से अवैध एमटीपी तथा पीएनडीटी की जांच के लिए एक भी रेड नहीं की गई है, संबंधित अधिकारी उसमें तेजी लाएं और लिंगानुपात के लक्ष्य को हासिल करें।
मिशन निदेशक ने कई जिलों में स्लम बस्तियों में विशेष कैंप लगाकर नवजात बच्चों का जन्म पंजीकरण सही ढंग से न करने पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि शहरों के जिन क्षेत्रों में फ्रंट लाइन वर्कर रहते हैं, उनके एरिया में जाकर जागरूकता फैलाएं और उनके बच्चों का जन्म पंजीकरण सुनिश्चित करें। |