deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

40 वर्ष चला विवाद, 10 साल मुकदमा और अब मिला न्याय... सरकारी नाली तोड़ने के आरोप में महिला बरी

deltin33 2025-12-3 12:06:21 views 231

  

सांकेतिक तस्वीर।



राजा तिवारी, जागरण, मथुरा। रजबहा से निकली सरकारी नाली को तोड़ने के आरोप में दस वर्ष तक मुकदमा चलता रहा। नाली का विवाद तो 40 वर्ष पुराना है। जब निचली मांट शाखा खंड गंग नहर के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में सुनवाई की तो पता चला कि प्रतिवादी ने जो प्रपत्र दाखिल किए, भरोसे के लायक नहीं हैं। ऐसे में संदेह का लाभ देते हुए 10 वर्ष से मुकदमा झेल रही महिला को बरी कर दिया। निर्णय सुना तो महिला की आंखें भर आईं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
रजबहा की सरकारी नाली क्षतिग्रस्त करने पर महिला समेत तीन पर चल रहा था वाद


कोसीकलां के सुजावली की रहने वाली सोना देवी और उनके परिवार के खुशीराम, नेम सिंह पर वर्ष 2015 में गांव के ही खेमा ने आरोप लगाया कि बुखरारी रजबहा के कुलाबे से निकली सरकारी नाली को इन लोगों ने तोड़ दिया। इस नाली के जरिए आने वाले पानी से खेमा अपने खेतों की सिंचाई करता था। तीनोें पर नार्दर्न इंडिया कैनाल एंड ड्रेनेज एक्ट 1873 की धारा 70 के तहत कार्रवाई शुरू हुई। इस नाली का विवाद 40 वर्ष से दोनों पक्षों के बीच चल रहा था।

खेमा ने वाद अपर खंड आगरा गंग नहर में ऊपरी शाखा में दायर किया। तब से लगातार यह वाद चल रहा था। मुकदमे से परेशान होकर इसी वर्ष अप्रैल में सोना देवी सिविल लाइन में पेड़ पर चढ़ गईं। आरोप लगाया कि उन पर मुकदमा फर्जी चल रहा है। गले में फंदा डाला और आत्महत्या की धमकी दी। किसी तरह उन्हें समझाकर नीचे उतारा गया। तब मुकदमा निचली मांट शाखा खंड गंग नहर के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी हरीश कुमार के न्यायालय में स्थानांतरित हुआ। छह माह में दस तारीख पड़ीं।

न्यायालय ने कहा, गलत प्रार्थना पत्रों पर ही मिलती रहीं तारीख, सभी को किया बरी


न्यायालय ने चार तारीखों में काम किया। मंगलवार को बयान, गवाहों और दस्तावेजों की लंबी शृंखला के बाद अदालत ने स्पष्ट कहा कि वादी पक्ष नाली का मार्ग सिद्ध नहीं कर पाया, सिंचाई के प्रमाण नहीं लगाए, नक्शा अप्रमाणित था, यहां तक कि वादपत्र में लिखी गाटा संख्या दूसरे गांव रूपनगर की निकली। गलत शीर्षक से प्रार्थना पत्र न्यायालय में अब तक दाखिल होते रहे। इतने वर्षों तक मुकदमे में गलत तथ्यों के दस्तावेज चढ़ते रहे। उन्होंने सोना देवी समेत सभी को बरा कर दिया। निर्णय सुनते ही न्यायालय में ही 75 वर्षीय सोना देवी भावुक होकर रो पड़ीं। 40 साल से विवाद चल रहा था, दस साल से मुकदमा। सब कुछ तो छिन गया।

यह बोले दोनों पक्षों के अधिवक्ता


वादी पक्ष के अधिवक्ता रामजीलाल एडवोकेट ने कहा कि वादी को पानी नहीं मिल रहा था, दावा किया गया था, वाद पत्र उन्होंने नहीं बनाया, इसीलिए गलतियों के बारे में वह कुछ नहीं कह सकते हैं। प्रतिवादी पक्ष के अधिवक्ता चौ. राजेंद्र सिंह एडवोकेट ने बताया कि वादी पक्ष के लोग सोना देवी के खेत में जबरन पानी निकालने के लिए खेत को खोद रहे थे, उस समय रोका गया। गोलियां चलीं और मारपीट की गई। दस साल पहले उल्टे मुकदमा डालकर पीड़ित को परेशान किया गया।
like (0)
deltin33administrator

Post a reply

loginto write comments
deltin33

He hasn't introduced himself yet.

710K

Threads

0

Posts

2310K

Credits

administrator

Credits
232289