जागरण संवाददाता, सिद्धार्थनगर। जिले में विद्यालयों की मान्यता प्रक्रिया में अनियमितताओं के गंभीर आरोपों के बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने सख्त रुख अपनाते हुए कनिष्ठ लिपिक को सोमवार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।
पटल सहायक की भूमिका भी संदिग्ध मानी गई है तथा उससे विस्तृत स्पष्टीकरण मांगा गया है। विभाग ने पूरे प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच शुरू कर दी है।
मामला विकासखंड लोटन के कल्पा देवी माधव प्रसाद कन्या जुनियर हाईस्कूल गनमरिया और बाबा गोविंद पांडेय एकेडमी पननी की मान्यता फाइलों से जुड़ा है। यह फाइलें महीनों तक कार्यालय में लंबित पड़ी थीं।
बीएसए कार्यालय ने 15 सितंबर तक प्रकरण की रिपोर्ट उपलब्ध कराने का आदेश दिया था, परंतु कनिष्ठ लिपिक ने न तो फाइलें आगे बढ़ाई और न ही जांच कराई। 26 सितंबर और 13 नवंबर को भी उच्चाधिकारियों ने दोबारा आदेश जारी किए, फिर भी फाइलें नहीं प्रस्तुत हुईं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
जांच में यह भी सामने आया कि स्थलीय सत्यापन, छात्र संख्या, शिक्षक जानकारी और अभिलेखीय विवरण में भारी असंगतियां पाई गईं। विभागीय स्तर पर यह कर्तव्यहीनता और गम्भीर लापरवाही मानी गई।
इसी आधार पर बीएसए ने कनिष्ठ लिपिक को निलंबित कर उसकी तैनाती तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी है। निलंबन अवधि में उसे केवल जीवन निर्वाह भत्ता प्राप्त होगा। बीएसए ने पटल सहायक को निर्देशित किया है कि वह एक सप्ताह के भीतर स्पष्ट करे कि फाइलें लटकी क्यों रहीं, अभिलेख सत्यापन क्यों नहीं हुआ और रिपोर्ट समय से क्यों नहीं भेजी गई।
आदेश में यह भी कहा गया है कि जब तक दोनों अधिकारी जांच में सहयोग कर पूरी जानकारी उपलब्ध नहीं कराते, तब तक फाइलों की आगे की कार्रवाई रोकी जाएगी।
बीएसए ने स्पष्ट कहा कि मान्यता प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। आरोपों की गंभीरता को देखते हुए संकेत हैं कि प्रकरण में और भी कर्मचारियों की भूमिका की जांच हो सकती है। |